सी ए ए एन आर सी मामले में लखनऊ पुलिस की कार्रवाई पर उठे सवाल
लख़नऊ की सामाजिक कार्यकर्ता ज़ैनब सिद्दीकी के घर पुलिसिया दमन, माता-पिता और छोटे भाई-बहनों को बुरी तरह मारा-पीटा, माता-पिता को हसनगंज थाने ले गई पुलिस
लखनऊ 5 नवंबर 2020. जैनब सिद्दीकी ने बताया कि उनके घर पुलिस ने आकर पूछा कि क्या आपकी बेटी CAA और NRC आंदोलन में है तो परिवार वालों ने कहा कि वो तो महिला संगठन में काम करती हैं. जिसके बाद वो लौट गए और 1 से 1.30 घंटे बाद लौट के आए और लाठी-डंडे से मरना शुरू कर दिया. जैनब की छोटी-छोटी बहनें हैं उन्हें सड़क पर दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, भद्दी-भद्दी गालियां देते हुए जैनब के पापा को 10 से 15 पुलिस वाले पकड़ कर हसनगंज थाने ले गए. बहन और मां को भी थाने में बिठा रखा है.
रिहाई मंच इस पुलिसिया दमनात्मक कार्रवाई का विरोध करते हुए जैनब के परिजनों की सुरक्षा और तत्काल रिहाई की मांग करता है. बिना कारण बताए गैर कानूनी तरीके से किसी को ले जाना गलत है. यह परेशान करने के मकसद से लोगों कि आवाज़ का दमन करने के लिए किया जा रहा. योगी पुलिस संविधान-लोकतंत्र को ताक पर रखकर दमन की कार्रवाई कर रही है. इसी के तहत फिर से नागरिकता आंदोलन के नाम पर लोगों के होर्डिंग-पोस्टर लगवा रही है जबकि इलाहाबाद हाई कोर्ट भी यूपी सरकार के इस कदम पर सवाल उठा चुका है.
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