।।वीर सावरकर जयंती।।

।।वीर सावरकर जयंती।।
प्रकाश प्रभाव न्यूज़ प्रयागराज
संग्रहकर्ता - सुरेश चंद्र मिश्रा "पत्रकार"
।।वीर सावरकर जयंती।। 
बीर विनायक दामोदर सावरकर को शत कोटि नमन है। 
क्रांतिकारी कारियों के नायक का अंतर्मन से अभिनंदन है।।
 वीर विनायक दामोदर सावरकर को  शत कोटि  नमन है।
 
तुम स्वतंत्रता के संवाहक प्रखर अनल के जैसे दाहक।
जिसने छुआ उसे झुलसाया अंग्रेजी शाशन थर्राया।। 

पराधीनता की दुपहरिया में तुमने लाया सावन है।।
वीर विनायक दामोदर सावरकर को शत कोटि नमन है।। 1।।

प्रखर बुद्धि के तुम स्वामी थे राष्ट्र धर्म के  अनुगामी थे।
महा तपस्वी एक तरफ  था एक तरफ कायर कामी थे।।
 लंदन से बैरिस्टर की पदवी लेकर फिर मातृभूमि को।

अर्पण कर डाला शिक्षा सुख अर्पण कर डाला जीवन है।। 
वीर विनायक दामोदर सावरकर को शत कोटि नमन है।। 2।।

कैद हुए लंदन में चला जहाज निकट जब भारत आया।
बंधन तोड अगाध सिंधु के  जल में झपट छलांग लगाया।
आंखों में चढ गये सजा काले पानी की हंस हंस भोगा।।
 
कोडे बीस पीठ पर हर दिन पडते जर्जर हुआ बदन है।। 
बीर विनायक दामोदर सावरकर को शत कोटि नमन है।।3।।

तुम कवि थे वक्ता लेखक थे दो दो मृत्यु  दंड पाये थे।
अंडमान की काल कोठारी में दस साल काट आये थे।
पत्थर के  टुकड़े  से दीवारों पर कविताओं का लेखन।।
 
देख आज भी महा पराक्रम के  समक्ष श्रृद्धा नत मन है।।
 बीर विनायक दामोदर सावरकर को शत कोटि नमन है।।4।। 

निंदक विषई भोगी क्रूर कुकर्मी  लोभी भ्रष्टाचारी।
जिन्हें नहीं मालूम राष्ट्रके प्रति अनन्य तम भक्ति तुम्हारी।
तुम हिमगिरि जैसे  उन्नत थे राष्ट्र भक्ति में हर क्षण रत थे।

निर्मल,,उस महान मानव का श्रृद्धा युत करता वंदन है।।
बीर विनायक दामोदर सावरकर को शत कोटि नमन है।। 
क्राति कारियों के नायक का अंतर्मन से अभिनंदन हैंं।।5।।

 वन्दे मातरम्।।
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