पंद्रह अगस्त का महापर्व तब तक श्रीमान अधूरा है........

पंद्रह अगस्त का महापर्व तब तक श्रीमान अधूरा है........

प्रकाश प्रभाव न्यूज प्रयागराज


संग्रहकर्ता - सुरेश चंद्र मिश्रा "पत्रकार"


पंद्रह अगस्त का महापर्व तब तक श्रीमान अधूरा है।।

जब तक भारत के गद्दारों के अस्तीनों में छूरा है।। 

अर्बन नक्सल वादी जब तक खुद घर में आग लगायेंगे।। 

खायेगे भारत का लेकिन दुश्मन की महिमा गायेंगे।। 

जो अभिव्यक्ति का कवच पहन नित भारत को गरियाते है।।

टी वी की बहसों में  दुश्मन के शुभ चिंतक  बन जाते हैं।।

इन मीर जाफरों जयचंदों का जब तक नाश नहीं होगा।। 

तब तक स्वतंत्र भारत का चारों ओर विकास नहीं होगा।।

जिनकी जिह्वा है बेलगाम जो मन भाए बक जाते है।। 

सूप्रीम कोर्ट के निर्णय का मनमाना अर्थ लगाते हैं।। 

कहते है तानाशाही का शाशन भारत में आया है।।

 जिस पत्तल मे खाया उसमे  कर छेद नही शर्माया है।।

 इन देश विरोधी बुद्धि जीवियों को औकात दिखाना है।।

जो मातृभूमि का द्रोही है जड से अब उसे मिटाना है।।

भारत के टुकड़े टुकड़े करने का अरमान संजोए हैं।।

पुष्पित विष बीज हो रहे हैं जो गद्दारों ने बोए हैं।। 

इन देश विरोधी नागों का फन जिस दिन कुचला जाएगा।।

 उस दिन स्वतंत्रता दिवस वस्तुतः भारत वर्ष मनाएगा।। 

जब तक सब मातृभूमि के गौरव पर बलिहार नहीं होंगे।।

तब तक बेईमान पडोसी के सपने बेकार नहीं होगे।। 

चीनी पाकिस्तानी शुभचिन्तक जिस दिन कुचले जायेंगे।।

उस दिन भारत वासी  आजादी का शुभ पर्व मनाएंगे।। 

आजादी का यह दुरुपयोग मनमाना चाल चलन रोको।।

जो नंगा नाच कर रहे हैं उन भाडों का नर्तन रोकों।।

अंग्रेजों से मिल गई मुक्ति अब गद्दारों से मुक्त करो।।

 जो बेलगाम बक बक करते अब उनको भी अभियुक्त करो।।

 दंगो का बीज बो रहे जो जाति पांति में बांट रहे।।

 वो माली नही लुटेरे जो भारत उपवन को काट रहे।। 

जब सबके मन मे राष्ट्र भक्ति का भाव प्रगट हो जाएगा।। 

उस दिन स्वतंत्रता दिवस हृदय से भारत वर्ष मनाएगा।।

 वंदे मातरम्।।जै जानकी जीवन।।

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