राम जन्म महोत्सव
- Posted By: Alopi Shankar
- साहित्य/लेख
- Updated: 21 April, 2021 17:44
- 1709

प्रकाश प्रभाव न्यूज़ प्रयागराज
संग्रहकर्ता - सुरेश चंद्र मिश्रा "पत्रकार"
।। राम जन्म महोत्सव।।
जनमे रघुराई चारिउ भाई धनि धनि तीनों माई।
दशरथ के आंगन आजु मुदित मन सब मिलि देत बधाई।
प्रमुदित मन राजा साजि समाजा मणि गो रतन लुटावें।
अति पुलक शरीरा बांटत हीरा धन्य भये जे पावें।
गज बाजि हजारन खडे कतारन नृप विप्रन्ह कहं दीन्हे।
पट भूषण दाना गने को नाना दाता भै जे लीन्हे।
चारण गन आवत स्तुति गावत नृप मनि माल पिन्हावें।
सुर शिव विधि आये भाग मनावें रघुबर गुन गन गावें।
जय रघुकुल विभूषण जित सब दूषण दिनकर कुल उजियारे।
जै दशरथ नंदन असुर निकंदन सुर मुनि जन रखवारे।
कौशल्या बालक त्रिभुवन पालक जै जै धनु शर धारी।
जै अगुण अनामय हरि करुणामय दशरथ अजिर बिहारी।
तापस मुनि ध्यावत गुन गन गावत पद पंकज चित धारे।
सारद श्रुति नारद सुयश उचारत निशि दिन नाथ तुम्हारे।
शूचि श्यामल अंगा निरखि अनंगा बार बार बलिहारी।
सुर गो द्विज धरनी दशमुख करनी से अति नाथ दुखारी ।
कौस्तुभ मणि सोहे मुनि मन मोहे लहरावे बनमाला।
शुभ तिलक विराजे कुंडल साजे सुंदर नयन विशाला।
लखि लखि सुघराई पुलकित माई कंचन रतन लुटावे।
प्रमुदित पुरवासी सेवक दासी सब मिलि भाग मनावें।
पद कमल तुम्हारे हृदय हमारे थिर कीजे रघुराई।
कहि शंभु सिधारे नृप के द्वारे आजु न भीर समाई।
सुर सुमन गिरावें हरि गुन गावें कोकिल कंठ लोगाई।
सुरेश,,बडभागी पद अनुरागी करत सरस कविताई।
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