नवरात्रि में कैसे करे पूजा और कलश की स्थापना
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- Updated: 9 April, 2024 09:49
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प्रकाश प्रभाव न्यूज़
रिपोर्ट, प. सुरेंद्र शुक्ल
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत आज यानी मंगलवार, 9 अप्रैल से हो रही है। इन नौ दिन चलने वाले दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। माता के भक्त नौ दिनों तक व्रत रख भजन-कीर्तन करते हैं और मां की उपासना करते हैं।
कहावत हैं कि नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा देवलोक से पृथ्वीलोक पर आती है और भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती है।
9 अप्रैल से नवरात्रि शुरु हो चुकी है और 17 अप्रैल के दिन इसका समापन होगा। नवरात्रि पूजा की शुरुआत कलश स्थापना के साथ की जाती है। ऐसे में जानते हैं नवरात्रि में कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि आदि के बारे में।
नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना के साथ मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. इस बार नवरत्रि पर कई वर्षों का बाद अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, शश योग और अश्विनी नक्षत्र का संयोग बन रहा है।
शुभ मुहूर्त
चैत्र नवरात्र की प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना के साथ नवरात्रि की शुरुआत होगी। इस दिन शुभ मुहूर्त 9 अप्रैल सुबह 9 बजकर 12 मिनट से लेकर 10 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। इस दौरान घटस्थापना की जा सकती है। कलश स्थापना का सबसे शुभ मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 56 मिनच से 12 बजकर 47 मिनट कर रहेगा।
कैसे करें नवरात्रि घटस्थापना विधि
नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना करने के लिए सबसे पहले मिट्टी के कलश के मुंह पर रोली लपेट दें। अब कलश के अंदर जल भरकर हल्दी, अक्षत, सिक्का और रोली डाल दें। अब आम के पत्ते रखें अब इसके ऊपर मिट्टी का ही छोटा बर्तन रखें। अब उसके ऊपर नारियल रख दें। कलश के पास में ही लाल कपड़ा बिछाकर माता की चौकी बनाएं और गौरी-गणेश की स्थापना करें। कलश पूजा शुरू करने के लिए माता का स्मरण करें, जौ बोएं, अखंड ज्योति जलाएं अब चंदन, अक्षत, फूल, धूप, दीपक जलाएं।अब माता को पंचामृत का भोग लगाएं और आरती करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. PPN NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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