राजा विक्रमादित्य मां के बहुत बड़े भक्त थे, न्याय और धर्म की प्रेरणा यहाँ से मिलती थी
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- साहित्य/लेख
- Updated: 31 July, 2020 10:14
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प्रकाश प्रभाव न्यूज़
पंडित सुरेंद्र शुक्ला
राजा विक्रमादित्य मां के बहुत बड़े भक्त थे, न्याय और धर्म की प्रेरणा यहाँ से मिलती थी
माता हरसिद्धि के मंदिर में हर दिन भक्तों का जमघट लगा रहता है। कहते हैं कि मां हरसिद्धि सच्चे मन से की गई हर मनोकामना को सिद्ध कर देती हैं।
भारत में अनेक मंदिर हैं। इनके साथ करोड़ों भक्तों की श्रद्धा जुड़ी हुई है। ऐसा ही एक मंदिर उज्जैन में स्थित है। यहां माता हरसिद्धि के मंदिर में हर दिन भक्तों का जमघट लगा रहता है। कहते हैं कि मां हरसिद्धि सच्चे मन से की गई हर मनोकामना को सिद्ध कर देती हैं।
मंदिर के साथ कुछ पौराणिक कथाएं भी जुड़ी हुई हैं। ऐसी मान्यता है कि मां हरसिद्धि महान सम्राट विक्रमादित्य की कुलदेवी हैं और वे उनकी पूजा करते थे।
कथाओं के अनुसार जब दक्ष के यज्ञ का विध्वंस हो गया तो भगवान शिव देवी सती का शव लेकर पूरे ब्रह्मांड में घूमे थे। तब सती की कोहनी इस स्थान पर गिरी थी।
राजा विक्रमादित्य मां के बहुत बड़े भक्त थे। उन्हें सत्य, न्याय और धर्म की प्रेरणा माता से मिलती थी। वे माता हरसिद्धि की तपस्या करते थे।
उनके बारे में मान्यता है कि उन्होंने मां को 11 बार अपना शीश काटकर चढ़ाया था। तब माता उनसे प्रसन्न हुई और उन्हें वरदान दिया।
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