हिंदी दिवस पर विशेष
- Posted By: Alopi Shankar
- साहित्य/लेख
- Updated: 14 September, 2021 15:07
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प्रकाश प्रभाव न्यूज़ प्रयागराज
संग्रहकर्ता - सुरेश चंद्र मिश्रा "पत्रकार"
हिंदी दिवस पर विशेष।।
आज हिंदी दिवस जो साहित्य का अभिमान है।।
संस्कृत की बालिका सद्काव्य की पहचान है।।
नौ रसों से है सजी उपमा अलंकारों भरी।
अनुप्रासों से लदी कल कल निनादिनि सुरसरी।।
वेद शास्त्र पुराण सब का बोध जो जन को कराती।
नित्य कविता कामिनी को बांटती सम्मान है।।
आज हिंदी दिवस जो साहित्य का अभिमान है।।1।।
इसी हिंदी में मनोहर राम गुण तुलसी लिखे।
सूर मीरा जायसी केशव इसी तट पर दिखे।।
नंद चंडी और दादू को निराला को सुयश।
रसखान और रहीम का इससे बढा सम्मान है।।
आज हिंदी दिवस जो साहित्य का अभिमान है।।2।।
हिंदी लगी थी प्रिय बनारस के विचित्र फकीर को।
कर दिया इसने अमर अक्खड़ मलंग कबीर को।।
पंत दिनकर महादेवी और जय शंकर प्रसाद।
गुप्त के साकेत का हिंदी जगत में मान है।।
आज हिंदी दिवस जो साहित्य का अभिमान है।।3।।
काव्य नाटक महाकाव्य निबंध पद लालित्य में ।
कौन हिंदी की करे समता भला साहित्य में।
निर्मल,, ललित पद की यही जननी यही अभिव्यक्ति हो।
हिंदी बने हर भाल की विंदी तभी उत्थान है ।।
आज हिंदी दिवस जो साहित्य का अभिमान है।।
संस्कृत की बालिका सद्काव्य की पहचान है।।
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