भाजपा की कमजोरी का फायदा उठाने की ताक में है विपक्षी पार्टियां

भाजपा की कमजोरी का फायदा उठाने की ताक में है विपक्षी  पार्टियां

भाजपा की कमजोरी का फायदा उठाने की ताक में है विपक्षी  पार्टियां

पी पी एन न्यूज

रिपोर्ट, कमलेन्द्र सिंह


 हम देश व प्रदेश की बात नहीं कर रहे हम तो फतेहपुर जनपद में भाजपा के गिरते ग्राफ की बात कर रहे हैं। जो कभी सभी ऊंचाइयों को लांग चुकी थी ।लेकिन अब जो स्थिति है उसमें भाजपा काफी कुछ खो चुकी है और खोती जा रही है। अपने मूल उद्देश्यों से भटकने के बाद वह अपनों से ही दूर खड़ी दिखाई दे रही। हम जनप्रतिनिधियों की बात करें या फिर संगठन की निजी स्वार्थ के साथ-साथ सरकारी मशीनरी द्वारा किए जा रहे नजरअंदाज के बाद उत्साहित कार्यकर्ताओं में निराशा के भाव साफ दिखाई देने लगा है।

लोकसभा चुनाव की बात हो या फिर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव सभी में भाजपा का जो माहौल रहा उसमें भाजपा ने सारी ऊंचाइयों को पार करने में कामयाबी हासिल की थी। कहने का मतलब यह है कि यहां की सभी 6 विधानसभा सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार चुनाव जीतने में कामयाब हुए थे। यह कामयाबी उनकी काबिलियत पर मिली थी या फिर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का जादू था जिसके चलते सभी उम्मीदवार विधानसभा की दहलीज पार करने में कामयाब हुए थे। यह बात चुनाव जीतने वाले जनप्रतिनिधि भले ही न समझ पा रहे हो लेकिन आम मतदाता मतदान के दिन जरूर समझ रहा था कि वह उम्मीदवारो की ओर देख तो जरूर रहा है लेकिन मतदान मोदी के नाम पर ही करने जा रहा है।

28 साल पहले भाजपा पहली बार जून 1991 में प्रदेश में सरकार बनाने में कामयाब हुई थी लेकिन अयोध्या मामले को लेकर उसे सरकार गवानी पड़ी थी,फिर यह मौका उसे 1997 में मिला जिसमें भाजपा स्थिर मुख्यमंत्री नहीं दे सकी एक के बाद एक करीब तीन कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री की शपथ ली। 15 साल के लंबे इंतजार के बाद 1917में भाजपा को प्रदेश में सरकार बनाने का मौका मिला वह भी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर।

भाजपा का संघर्ष किसी से छिपा नहीं, लगातार होने वाले संघर्ष का ही नतीजा रहा कि 15 साल के लंबे इंतजार के बाद भारी बहुमत के साथ प्रदेश में सरकार बनाने का मौका मिला। आम लोगों में भी इस बात का इंतजार था कि वह इस सरकार में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की सरकार से कुछ अलग देखेगी। लेकिन अभी तक जो देखा उसमें उसकी मनसा पर पानी ही फिरता नजर आ रहा है। आम जनता के बीच सरकारी योजनाओं के पहुंचने की बात हो या फिर कार्यकर्ताओं में सत्ता के होने का एहसास वो नहीं दिखा। भाजपा को ऊंचाइयों तक ले जाने वाले आम कार्यकर्ता निराश है। सत्ता में होने का फायदा वही लोग उठा रहे हैं जो या तो शीर्ष में है या फिर वे गैर भाजपाई जो भाजपा के ही नेताओं से अपनी सांठगांठ कर ली है कहने का मतलब यह है कि यह वही लोग हैं जो हर सरकार में अपना उल्लू सीधा करने में कामयाब रहते हैं।

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