भोलेनाथ, भगवान शिव का प्रिय महिना श्रावण मास
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- साहित्य/लेख
- Updated: 13 July, 2020 10:57
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prakash prabhaw news
प० सुरेंद्र शुक्ला
भोलेनाथ, भगवान शिव का प्रिय महिना श्रावण मास
श्रावण का महीना भगवान शिव को अत्यंत प्रिय माना जाता है । । हिन्दू पंचांग का यह पांचवां महीना होता है जिसे श्रावण या सावन माह के नाम से जाना जाता है । धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन में पड़ने वाले सोमवार के दिन भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं । इसलिए धार्मिक दृष्टि से श्रावण सोमवार का विशेष महत्व होता है । इस बार श्रावण मास में विशेष संयोग बन रहे है।। इस साल सावन महीने की शुरुआत और समापन सोमवार के दिन ही होगा जो धार्मिक नजरिए से एक अद्भुत संयोग है ।
सावन माह से जुड़ी पौराणिक कथा
धार्मिक मान्यता के अनुसार, श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा-आराधना करने से जीवन से सभी तरह की परेशानियों से भी निजात मिलती हैं । भगवान शंकर की पूजा करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति हो जाती है । पौराणिक कथा के अनुसार, समुद्र मंथन से निकले विष का शिव ने पान कर लिया था ।
इससे उनका शरीर बहुत ही ज्यादा गर्म हो गया था जिससे शिव को काफी परेशानी होने लगी थी । भगवान शिव को इस परेशानी से बाहर निकालने के लिए इंद्रदेव ने जमकर बारिश करवाई थी । कहते हैं कि यह घटनाक्रम सावन के महीने में हुआ था । इस प्रकार से शिव जी ने विष का पान करके सृष्टि की रक्षा की थी । वे नीलकंठ भी कहलाये । तभी से यह मान्यता है कि सावन के महीने में शिव जी अपने भक्तों का कष्ट अति शीघ्र दूर कर देते हैं ।
शिवजी की पूजा में केतकी के फूलों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए । कहा जाता है कि केतकी के फूल चढ़ाने से भगवान शिवजी नाराज होते हैं । इसके अतिरिक्त तुलसी को भी भगवान शिव को अर्पित नहीं किया जाता है । साथ ही शिवलिंग पर कभी भी नारियल का पानी नहीं चढ़ाना चाहिए । भगवान शिवजी को हमेशा कांस्य और पीतल के बर्तन से जल चढ़ाना चाहिए ।
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