भक्ति पद ....

भक्ति  पद ....

प्रकाश प्रभाव न्यूज़ प्रयागराज


संग्रहकर्ता - सुरेश चंद्र मिश्रा "पत्रकार"

भक्ति  पद ....

राधा अष्टमी महापर्व पर समस्त सनातन धर्मावलंबी सज्जनों देवियों को बहुत बहुत बधाई शुभकामना।। 

              

जय जयति जय वृषभानुजा त्रिभुवन प्रकाशिनि राधिका।।

हरि हृदय कमल विहारिणी गोलोक वैभव साधिका।।1।।

जय कीर्ति नंदिनि जग अनंदिनी कृष्ण भक्ति प्रदाइका।। 

विधि विष्णु शंकर चरण सेवत जयति माधव नाइका।। 2।।

नित शेश शारद व्यास नारद अमल कीरति गावहीं।। 

पद कंज शुचि मकरंद सेवहिं बनि भ्रमर सुख पावहीं।। 3।।

वृजराज लोलुप मुख निहारत दृग निमेष निवारहीं।। 

सुरराज धनद त्रिलोक वैभव चरण नख पर वारहीं।। 4।।

मुठ चंद्र निरखत कोटि चंद्र लजात शोभा आगरी।। 

ललिता विषाखा सतत सेवति जयति भुवन उजागरी।।5।। 

सिधि अष्ट नव नधि पद पखारति चरण रज सिर धारहीं।। 

विधि बाम उमा रमा समेत स्वरूप सुभग निहारही।।6।।

निधि बन प्रफुल्लित होत  कोकिल कूकि सुयस सुनावहीं।। 

चातक चकोर मयूर कीर निहारि छवि सुख पावही।। 7।।

मन के करन सों छुवत भाधव डरत अस सुकुमारता।। 

जहं चरन धरति सरोज पुष्पित होत कालिंदी रता।।8।।

वृज लता कुंजन को निरखि सौभाग्य देव सिहात हैं।। 

बैकुंठ हूं फीको परै जहं चरण पंकज जात हैं।। 9।।

रति कोटि की सुषमा निछावरि देखि पद नख चंद्रिका।। 

वृजराज मोल बिना बिकात निहारि कीरति बालिका।। 10।।

नित अष्ट सखी बनी पलक पुतरी समान संभारही।। 

सनकादि मुनि जन ध्यान त्यागि पुनीत पांय नहारहीं।। 11।।

गुण आगरी अति नागरी लै चलति यमुना गागरी।। 

मिलिहैं दरस अति हरस सो छिपि कुंज मे बैठेत हरी।।12।। 

मुनि सिद्ध साधक जानि बाधक जोग बिरति बिसारही।। 

बृषभानुजा के चरण तल महुं सकल साधन वारहीं।। 13।।

निर्मल,, अकिचन पद पराग चहै विलंब न कीजिए।। 

शिशु क्षुधित तृषित बृजेश्वरी निज अंक मे अब लिजिए।। 

जै राधा माधव।। राधाष्टमी महापर्व पर पुनः बहुत बहुत बधाई।। जै श्री राधे।।

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