जानिए कैसे फार्माकोविजिलेंस आज रोगी सुरक्षा (Patient Safety) की रीढ़ है।

जानिए कैसे फार्माकोविजिलेंस आज रोगी सुरक्षा (Patient Safety) की रीढ़ है।

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 फार्माकोविजिलेंस के इतिहास की बड़ी त्रासदियाँ


1. थैलिडोमाइड त्रासदी (Thalidomide Tragedy, 1957–1961)


क्या हुआ?

थैलिडोमाइड दवा गर्भवती महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस और नींद के लिए दी जाती थी।


परिणाम

लगभग 10,000 से अधिक बच्चे जन्मजात विकृतियों (congenital malformations) जैसे हाथ-पाँव का अधूरा विकास (phocomelia) के साथ पैदा हुए।


महत्व

इसने दवाओं की प्री-क्लिनिकल और क्लिनिकल ट्रायल की सख्त जरूरत तथा पोस्ट-मार्केटिंग सर्विलांस का महत्व दुनिया को समझाया।


2. सल्फानिलामाइड त्रासदी (Sulfanilamide Disaster, 1937, USA)


क्या हुआ?

सल्फानिलामाइड को तरल रूप में बनाने के लिए डायएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) का प्रयोग किया गया।


परिणाम

100 से अधिक लोगों (ज्यादातर बच्चे) की मौत हुई।


महत्व

इसके बाद अमेरिका में Food, Drug and Cosmetic Act (1938) लागू हुआ, जिसने दवा की सुरक्षा परीक्षण को अनिवार्य बनाया।


3. क्लोराम्फेनिकॉल और एप्लास्टिक एनीमिया (1950s)


क्या हुआ?

क्लोराम्फेनिकॉल, जो टाइफाइड और अन्य संक्रमणों में दी जाती थी, कुछ मरीजों में अप्लास्टिक एनीमिया का कारण बनी।


परिणाम

कई मौतें दर्ज हुईं।


महत्व

इसने दर्शाया कि rare but serious adverse drug reactions (ADRs) भी जानलेवा हो सकते हैं।


4. सिरोफिब्रेट (Cerivastatin) त्रासदी (2001, Germany)


क्या हुआ?

कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवा "Cerivastatin" ने rhabdomyolysis और किडनी फेल्योर के गंभीर मामले पैदा किए।


परिणाम

सैकड़ों मौतें हुईं और दवा को वैश्विक स्तर पर वापस लेना पड़ा।


महत्व

इसने post-marketing pharmacovigilance को और मजबूत किया।


5. रोफेकोक्सिब (Vioxx) स्कैंडल (1999–2004, USA)


क्या हुआ?

दर्द निवारक दवा Rofecoxib (Vioxx) के लंबे उपयोग से हार्ट अटैक और स्ट्रोक के केस बढ़े।


परिणाम

लाखों मरीज प्रभावित हुए, हज़ारों मौतें दर्ज हुईं।


महत्व

इसने risk–benefit evaluation और ADR reporting system को मजबूती दी।


निष्कर्ष


इन त्रासदियों ने यह साबित किया कि –


दवाओं के विकास के बाद भी उनकी सुरक्षा की निरंतर निगरानी ज़रूरी है।


हर ADR (Adverse Drug Reaction) की रिपोर्टिंग से भविष्य की त्रासदियाँ रोकी जा सकती हैं।


फार्माकोविजिलेंस आज रोगी सुरक्षा (Patient Safety) की रीढ़ है।

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