लोगो को गुमराह करने, जातीय व संप्रदायिक तनाव पैदा करने तथा उकसाने वाले खबरों को प्रसारित करने के आरोप में राजनेता समेत, 7 पत्रकारो के खिलाफ मुकदमा

लोगो को गुमराह करने, जातीय व संप्रदायिक तनाव पैदा करने तथा उकसाने वाले खबरों को प्रसारित करने के आरोप में राजनेता समेत, 7 पत्रकारो के खिलाफ मुकदमा

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Prakash Prabhaw News, 

नोएडा

Report, Vikram Pandey

लोगो को गुमराह करने, जातीय व संप्रदायिक तनाव पैदा करने तथा उकसाने वाले खबरों को प्रसारित करने के आरोप में राजनेता समेत, 7 पत्रकारो के खिलाफ मुकदमा 


नोएडा के कोतवाली 20 पुलिस ने दुर्भावनापूर्ण तरीके से जनता को गुमराह करने, जातीय व संप्रदायिक तनाव पैदा करने तथा उकसाने वाले खबरों को प्रसारित करने के आरोप में कांग्रेस के सांसद शशि थरूर, इंडिया टुडे के न्यूज़ एंकर राजदीप सरदेसाई, नेशनल हेरेल्ड की ग्रुप एडिटर मृणाल पांडे, कौमी आवाज उर्दू समाचार पत्र के मुख्य संपादक जफर आगा, कारवां पत्रिका के मुख्य संपादक परेशनाथ और संपादक अनंतनाग के साथ-साथ कारवां पत्रिका के कार्यकारी संपादक विनोद के जोंश के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।  यह मुकदमा नोएडा के सुपरटेक केपटाउन सेक्टर 74 में रहने वाले अर्पित मिश्रा की शिकायत पर दर्ज किया गया है। 


एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा से आहत होकर अर्पित मिश्रा ने यह मुकदमा दर्ज कराया है। अपनी शिकायत में अर्पित मिश्रा का कहना है कि कांग्रेस के सांसद शशि थरूर, इंडिया टुडे के न्यूज़ एंकर राजदीप सरदेसाई, नेशनल हेरेल्ड की ग्रुप एडिटर मृणाल पांडे, कौमी आवाज उर्दू समाचार पत्र के मुख्य संपादक जफर आगा, कारवां पत्रिका के मुख्य संपादक परेशनाथ और संपादक अनंतनाग के साथ-साथ कारवां पत्रिका के कार्यकारी संपादक विनोद के जोंश, ने अपने समाचार पत्र मैगजीन और डिजिटल मीडिया के प्रसारण और सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट के लिए पूर्ण रूप से उत्तरदायी है।  इन लोगों ने जानबूझकर दुर्भावनापूर्ण, अपमानजनक गुमराह करने वाली उकसाने वाली  खबरें प्रसारित की और अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया कि पुलिस द्वारा आंदोलनकारी एक ट्रैक्टर चालक की हत्या कर दी गई है, जबकि पुलिस बल ने संयम का परिचय देते हुए व्यवसायिक  दक्षता के साथ उपद्रवी लोगों को शांत कराया था। इसके बावजूद भी नामित अभियुक्त गण द्वारा पारस्परिक सहयोग और एक सुनियोजित संयोजित षड्यंत्र के तहत गलत जानकारी प्रसारित की । 


अर्पित मिश्रा ने शिकायत में यह भी कहा है कि यह समाचार इसलिए प्रसारित किया गया ताकि बड़े पैमाने पर दंगे हो,  विभिन्न समुदाय के बीच तनाव उत्पन्न हो।  इन दंगों और धार्मिक तनाव का प्रभाव अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे देश पर पड़ना स्वाभाविक होता है।  इनके ट्रीट से उत्पन्न माहौल के कारण प्रदर्शनकारी लाल किले के परिसर में पहुंच गए और वहां धार्मिक और अन्य झंडे लगा दिए जहां कि, भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया था।  भारतीय इतिहास में दुर्भावना घटना के लिए नामित लोग जिम्मेदार है। जो लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई केंद्र सरकार के प्रति दुर्भावनापूर्ण और प्रतिशोध की भावनाओं से इस प्रकार ट्वीट करके जानकारी और भड़काऊ सूचनाएं प्रसारित की गई।  पूर्व में भी इन लोगों ने ऐसे कृत्य किए है। इस संवेदनशील परिस्थितियों में राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा पैदा करने वाले इनके ट्वीट्स को संज्ञान में लेकर इनके विरूद्ध कार्रवाई किया जाना और इन ट्विट्स को सोशल मीडिया से हटाया जाना आवश्यक है।  यह संदेश कई बार फॉरवर्ड होकर अनेक लोगों तक पहुंच चुके हैं और गलत सूचना प्रसारित किए हैं।  इससे देश की शांति व्यवस्था कानून व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।  


एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि अर्पित मिश्रा ने शिकायत पर नामितो के विरुद्ध उनके द्वारा किए गए अपराध के लिए धारा 153 (ए), 153 (बी), 295(ए) 298, 504, 506, 505 (दो) 124/34/120 बी आईपीसी के साथ 66 आईटी एक्ट की समुचित धाराओ में मुकदमा पंजीकृत किया गया है।  वादी के द्वारा  पंजीकृत कराए गए अभियोग की विवेचना व अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है

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