सेनिटाइजेशन के साथ ही 20 मीटर की ऊंचाई से थर्मल स्क्रीनिंग करने वाले अद्भुत ड्रोन से झुग्गियों में सैनिटाइजेशन का काम किया गया
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- उत्तर प्रदेश
- Updated: 11 April, 2020 20:45
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Prakash prabhaw news
रिपोर्टर - विक्रम
सेनिटाइजेशन के साथ ही 20 मीटर की ऊंचाई से थर्मल स्क्रीनिंग करने वाले अद्भुत ड्रोन से झुग्गियों में सैनिटाइजेशन का काम किया गया
नोएडा शहर की औद्योगिक इलाकों में बसी हुई जेजे कॉलोनीया में सकरी गलियां, सोशल डिस्टेंसिग ना होने के कारण यह स्थान कोरोना वायरस के फैलने के लिए माकूल जगह है। सेक्टर 8 के जेजे कॉलोनी में पिछले दिनों मिले करोना पॉजिटिव मरीज के बाद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग एक्टिव हो गया है और सभी झुग्गी बस्तियों में ड्रोन के माध्यम से अथॉरिटी के माध्यम से सैनिटाइजेशन का काम किया जा रहा है। इस क्रम में आज नोएडा के सेक्टर 16 और 17 की झुग्गियों में सैनिटाइजेशन का काम किया गया। इसके लिए कोरॉना कॉम्बैट मल्टी पर्पज ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। इस ड्रोन की खासियत है की केमिकल का छिड़काव करने के साथ इसमे लगा थर्मल इमेजिंग कैमरा के माध्यम से कोरोना संक्रमित व्यक्तियों को आईडेंटिफिकेशन भी किया जाता है।
रिमोट कंट्रोल से सिग्नल मिलते ही करोना कंपैक्ट मल्टी पर्पज ड्रोन एक्टिव हो गया और उसने जेजे कालोनियों का चक्कर लगाते हुए केमिकल का छिड़काव कर सैनिटाइजेशन का काम शुरू कर दिया। साथ इसमे लगा थर्मल इमेजिंग कैमरा के माध्यम से कोरोना संक्रमित व्यक्तियों को आईडेंटिफिकेशन भी किया जाने लगा। यह ड्रोन कोरोना संक्रमित व्यक्तियों को आइडेंटीफाइट करने के लिए थर्मल इमेजिंग कैमरा, स्पीकर आवश्यक दवाइयों रखने के लिए पोर्टल कोरोना टेस्टिंग किट रखने एवं आवश्यक स्थानों पर पहुंचाने के लिए उपयुक्त है। नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी ने बताया कि इंडियन रोबोटिक सोल्यूशन कंपनी का ये रोबोट कोरोना संकट से निपटने में काफी मददगार साबित हो सकता है।
इस ड्रोन को बनाने वाली कंपनी इंजीनियर सागर ने बताया कि इस ड्रोन से पहले निगरानी और सेनिटाइजेशन का ही काम होता रहा है। उसमें 10 लीटर की टंकी लगी हुई है, जो एक बार में लगभग आधे घंटे तक सेनिटाइजेशन का काम कर सकता है। उन्होंने बताया कि कोरोना संकट में ड्रोन में कई और बदलाव किए गए हैं। समय की मांग के मद्देनजर एक ऐसा ड्रोन बनाया गया है, जिसमें मेडिसिन बॉक्स और वार्निंग के लिए स्पीकर लगाया गया है। इसमें दो कैमरे लगाए गए हैं। एक नाइट विजन विजुअल कैमरा और एक थर्मल कैमरा लगाया गया है, जो 15 से 20 मीटर ऊपर से किसी व्यक्ति का टेंपरेचर नाप सकता है। हालांकि यह तय करना चिकित्सा विशेषज्ञों का काम है कि कोई व्यक्ति कोरोना से संक्रमित है या नहीं। ड्रोन तो सिर्फ टेंपरेचर बताता है। इसमें नाइट विजन कैमरा भी लगाया गया है, जो जरूरत पड़ने पर रात के वक्त भी काम कर सकता है। इसमें पांच लीटर का एक टैंक भी लगाया गया है, जिससे जरूरत पड़ने पर वह किसी एरिया को सेनिटाइज भी कर सकता है।
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