शिवमहापुराण कथा

शिवमहापुराण कथा

शिवमहापुराण कथा में  तीसरे दिन कथा व्यास शिवम दीक्षित द्वारा सुनाया गया नारद मोह चरित्र प्रसंग।


आज मेरे भोले का सारा जगत दीवाना है...पकड़ लो हाथ..भोलेनाथ जैसे भजनों पर झूमें श्रद्धालु भक्त


मोहनलालगंज, लखनऊ।


रिपोर्ट- सरोज यादव।


ब्रम्हा के मानस पुत्र देवर्षि नारद जब हिमालय पर्वत की एक गुफा में तपस्या में लीन होते है, तब देवराज इंद्र को चिंता हुई कि अब उन्हें लोक परलोक के समाचार कौन सुनाएगा। और कहीं अपने तप बल से नारद जी स्वर्गलोक पर कब्जा न कर लें इंद्र ने अप्सराओं को नारद की तपस्या भंग करने का आदेश दिया। ये उद्गार कथा व्यास शिवम दीक्षित ने श्री कालेबीर बाबा मंदिर प्रांगण में आयोजित हो रही श्री शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन नारद मोह का चरित्र सुनाते हुए कहे। कथा से पूर्व यजमानों राजकुमार अवस्थी व सहयजमान कमलेश द्विवेदी और हरगोविंद मिश्रा ने आचार्य आदित्य द्विवेदी और राजेश बाजपेयी के सान्निध्य में सर्वदेव पूजन करके शिव पुराण की पूजा की। कथा व्यास शिवम दीक्षित ने कथा में नारद मोह प्रसंग का श्रवण कराते हुए बताया कि अप्सराओं की भाव भंगिमाओं का नारद जी पर कोई असर नहीं पड़ा, जिस पर नारद को अभिमान हो गया कि उन्होंने काम पर विजय पा ली है। असल में जिस स्थान पर नारद जी तपस्या कर रहे थे, उसी स्थान पर महादेव ने कामदेव को भस्म किया था, और कामदेव की पत्नी द्वारा कामदेव को पुनर्जीवित करने की बात पर कहा था कि जहाँ तक भस्म की राख दिखाई देगी वहां तक कामदेव और कामवाण का असर नहीं होगा। जिस कारण उस स्थान के चारों ओर काम का असर नहीं पड़ सकता था। जब देवर्षि नारद महादेव के पास पहुंच कर अपना बखान करते है, तब महादेव हंस कर नारद से कहते है कि यह बात किसी और को मत बताना, लेकिन अपने चचंल स्वभाव के वशीभूत देवर्षि नारद ने अपना बखान भगवान विष्णु को सुनाया, तब विष्णु ने नारद को महादेव द्वारा कामदेव को भस्म करने का वृतांत सुनाया। यह सुनकर नारद जी बहुत लज्जित हुए तथा उनका अभिमान भंग हुआ। इसके साथ ही वेद व्यास द्वारा कुबेर चरित्र शिव सती विवाह एवं दक्ष यज्ञ में सती के आत्मदाह की कथा का भी विस्तार से वर्णन किया गया। कथा के बीच-बीच में कथा व्यास शिवम दीक्षित तथा उनके सहयोगी संगीतकार सूरज द्विवेदी दीपक अवस्थी एवं गोवर्धन तिवारी ने "पकड़ लो हाथ भोलेनाथ नहीं तो डूब जाएंगे" तथा "आज मेरे भोले का सारा जगत दीवाना है"...जैसे मधुर भजन सुनाए गए और श्रद्धालुओं द्वारा हर-हर महादेव का पवित्र उद्घोष किया गया। शिव पुराण आरती में वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश द्विवेदी, ललित दीक्षित, अवनीश पांडे, राघवेंद्र तिवारी मंदिर समिति के विजय द्विवेदी, गोपाल शुक्ला, राकेश द्विवेदी, बसंत मिश्रा एवं शिक्षक देवी शंकर त्रिवेदी, अजय शुक्ला तथा पुजारी सूर्य कुमार, गुड्डू दीक्षित सहित काफी संख्या में भक्तजन मौजूद रहे।

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