राजा जनक द्वारा कन्या दान करने की कथा सुनकर नम हुई भक्तों की आंखें
- Posted By: Dinesh Kumar
- उत्तर प्रदेश
- Updated: 10 January, 2021 18:10
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प्रकाश प्रभाव न्यूज़
कौशाम्बी। 10/01/2021
रिपोर्ट मिथलेश कुमार (मोनू साहू)
राजा जनक द्वारा कन्या दान करने की कथा सुनकर नम हुई भक्तों की आंखें
- राष्ट्रीय सन्त श्री सम्पूर्णानंद जी महाराज ने श्री राम माता सीता के विवाह प्रसंग कथा सुनाई
कौशाम्बी। करारी कस्बे के शनिधाम मन्दिर प्रांगण में चल रही विशाल नव दिवसीय श्रीराम कथा ( रुद्राष्टकम) के छटवे दिन शनिवार को राष्ट्रीय सन्त श्री सम्पूर्णानन्द जी महाराज द्वारा भगवान श्री राम, सीता विवाह होने की कथा कही गई। कथा सुनने के लिए भक्तगणों से पांडाल खचाखच भरा रहा।
करारी कस्बे के करारी/पश्चिम शरीरा मार्ग स्थित शनि धाम मन्दिर प्रांगण में चल रहे विशाल नव दिवसीय श्रीराम (रुद्राष्टकम) कथा का छटवे दिन शनिवार रहा। राष्ट्रीय सन्त श्री सम्पूर्णानंद जी महाराज ने श्री राम व माता जानकी के विवाह प्रसंग बताते महाराज जी ने कहा कि भगवान राम, लखन गुरु विश्वामित्र के साथ अयोध्या धनुष यज्ञ देखने गए थे। और गुरु की कृपा पाकर उसी समय श्री राम ने धनुष को बीच से तोड़ दिया। और माता सीता और भगवान राम जयमाला हुआ। जनक ने अयोध्या में दूत भेजकर राजा दशरथ को सूचना दी। राजा दशरथ बारात लेके मिथिला आये। और अपने चारों पुत्रो का विवाह करवाया। राजा जनक द्वारा कन्या दान करते हुए मिथिला वासियों की आँखें नम हो गई। इस मौके पर कार्यक्रम आयोजक व मन्दिर के पुजारी बाबा बालक दास फक्कड़ जी महाराज, कमलेश नारायण मिश्र, रोशन लाल कमलेश अग्रहरि, फूलचन्द्र विश्वकर्मा, राजेश वर्मा , गंगा वर्मा, हल्ला वर्मा, सहित सैकड़ों की संख्या में भक्तगण उपस्थित रहे ।
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