पूर्व में हुई पुलिसिया कार्रवाई कहीं कागजी खानापूरी तो नहीं ?
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- उत्तर प्रदेश
- Updated: 8 July, 2020 21:50
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पुलिस विभाग के कागजों में दर्ज भू माफियाओं पर कार्रवाई को लेकर क्यो बच रही है पुलिस
पूर्व में हुई पुलिसिया कार्रवाई कहीं कागजी खानापूरी तो नहीं
पी पी एन न्यूज
Report, कमलेन्द्र सिंह
फतेहपुर।
सरकारी जमीने हो या फिर तालाब, मंदिर की ज़मीन और झगड़े वाली जमीने,सभी ऐसी जमीनों में दबंगई के बल पर कब्जा करने वालो के खिलाफ कार्रवाई करने की बात समय-समय पर पुलिस विभाग करती रही है लेकिन इनके द्वारा की जाने वाली ऐसी दबंगई अभी भी जारी है अवैध कब्जों का जो हाल है वह तो खुलेआम दिखता है फिर भी सरकारी नुमाइंदों को बेशकीमती जमीनों में होने वाले कब्जे नहीं दिखते। ऐसा नहीं है कि इन माफियाओं को लेकर जिला प्रशासन चिंतित ना हो अपनी इस चिंता को सरकारी कागजों में जाहिर कर चुका है,ऐसे 25 लोगों को चिन्हित किया है और उन्हें भू माफियाओं की लिस्ट में भी डाला है।
प्रदेश सरकार* द्वारा मिले कड़े निर्देश के बाद दबंगई के बल पर कब्जा करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर पुलिस प्रशासन ने जिस तरह से सरकारी कागजों में एक्सरसाइज की तो उन्हें 25 भूमाफिया ही मिले जबकि ग्रामीण इलाकों से लेकर शहर व कस्बों में छोटे बड़े भू माफियाओं की एक लंबी लाइन है और इनके आका भी सत्ता से जुड़े लोग हैं जिनके इशारों पर इनका खेल जारी रहता है कुछ भूमाफिया तो ऐसे हैं जो इलाकाई पुलिस व राजस्व विभाग के लोगों को मिलाकर अपने कामों को अंजाम देते रहते हैं इन्हें किसी भी आका की जरूरत ही नहीं है। फिर भी तहसील मुख्यालय का प्रशासन हो या फिर जिला प्रशासन इन्हें होने वाले ऐसे अवैध कब्जे नजर ही नहीं आते और नज़र वे भी नहीं आते जिन्ह खुद की बनाई गई भू माफियाओं की लिस्ट में दर्ज किया गया है।
दर्ज नामों के आधार पर कोई बड़ी कार्यवाहीं ही की गई हो ,ऐसा भी नहीं हुआ। हां एक या दो नामों पर कार्रवाई हुई है लेकिन कार्यवाही के नाम पर महज खानापूरी ही साबित हुई जिला प्रशासन ने जिस तरह से ग्रामीण इलाकों में सरकारी जमीनों और तालाबों में कब्जा करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया है उसकी चर्चा पूरे जनपद में है और जिला अधिकारी की इस कार्रवाई के बाद लोग तारीफ भी कर रहे हैं लेकिन इस बात को लेकर सवाल भी कर रहे हैं कि ग्रामीण इलाकों के अलावा फतेहपुर शहर व कस्बों की सरकारी जमीनों तालाबों और मंदिर की जमीनों को भी इन माफियाओ के जबड़ो से बाहर निकालना होगा तभी यह जमीने खुली हवा में सांस ले सकेगी।
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