पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनीस मंसूरी ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान का स्वागत किया, भाजपा और आरएसएस पर साधा तीखा निशाना

पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनीस मंसूरी ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान का स्वागत किया, भाजपा और आरएसएस पर साधा तीखा निशाना

पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनीस मंसूरी ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान का स्वागत किया, भाजपा और आरएसएस पर साधा तीखा निशाना


लखनऊ। पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने 20 दिसंबर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के बयान का स्वागत किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि “मंदिर-मस्जिद के रोज़ नए विवाद निकालकर कोई नेता बनना चाहता है तो ऐसा नहीं होना चाहिए। हमें दुनिया को दिखाना है कि हम एक साथ रह सकते हैं।”


हालांकि, अनीस मंसूरी ने इसे केवल बयानबाजी बताते हुए संघ और भाजपा पर तीखा प्रहार भी किया। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत के इस प्रकार के बयान उनकी पार्टी और उससे जुड़े संगठनों के व्यवहार पर कोई असर नहीं डालते।


मुसलमान भय के माहौल में जीने को मजबूर


अनीस मंसूरी ने कहा, “देश में मुसलमान लगातार असुरक्षा और भय के माहौल में जीने को मजबूर हैं। भाजपा और उससे जुड़े नफरत फैलाने वाले संगठनों ने समाज में एक ऐसा वातावरण बनाया है, जिसमें मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। ऐसे में मोहन भागवत के बयान तब तक केवल औपचारिकता हैं, जब तक उनकी पार्टी और उससे जुड़े लोग इस नफरत को रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाते।”


मोहन भागवत का पुराना बयान याद दिलाया


उन्होंने याद दिलाया कि मोहन भागवत ने 4 जून 2022 को भी इसी प्रकार का बयान दिया था। उस वक्त उन्होंने कहा था, “इतिहास वह है जिसे हम बदल नहीं सकते। इसे न आज के हिंदुओं ने बनाया और न ही आज के मुसलमानों ने। हर मस्जिद में शिवलिंग क्यों देखना? अब हमें कोई आंदोलन नहीं करना है।”


लेकिन इस बयान का भी कोई ठोस प्रभाव नहीं पड़ा। इसके बाद भी कई विवादित बयान आए, नफरत भरी रैलियां निकाली गईं, और सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने के प्रयास जारी रहे।


भाजपा पर कसा तंज


अनीस मंसूरी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “आज भाजपा की सरकार मोहन भागवत के मार्गदर्शन की वजह से ही सत्ता में है। लेकिन अब उनकी स्थिति परिवार के उस बुजुर्ग की तरह हो गई है, जिसकी बात घर का कोई सदस्य नहीं सुनता। भाजपा और उसके समर्थक संगठन उनकी सलाह को नजरअंदाज करते हैं और अपनी नफरत भरी राजनीति में लिप्त रहते हैं।”


उन्होंने कहा कि भाजपा की नीतियों ने समाज को बांटने का काम किया है। यह पार्टी केवल धार्मिक और सांप्रदायिक मुद्दों पर राजनीति करके सत्ता में बने रहने की कोशिश कर रही है।


मुसलमानों के लिए चिंता जताने से पहले भाजपा को देखना होगा आईना


मुसलमानों के प्रति चिंता जताने पर मोहन भागवत को आड़े हाथों लेते हुए मंसूरी ने कहा, “अगर सच में मोहन भागवत जी मुसलमानों की स्थिति को लेकर चिंतित हैं, तो उन्हें सबसे पहले अपनी पार्टी और उससे जुड़े संगठनों के भीतर नफरत फैलाने वालों को रोकना होगा। भाजपा की नीतियां और नेता आज समाज को बांटने का काम कर रहे हैं।”


उन्होंने कहा, “अगर भाजपा ने अपनी नीतियों में बदलाव नहीं किया, तो वह दिन दूर नहीं जब मोहन भागवत को भी लालकृष्ण आडवाणी की तरह ‘मार्गदर्शक मंडल’ में भेज दिया जाएगा। मोहन भागवत को चाहिए कि वे केवल बयान न दें, बल्कि इसे सख्ती से लागू कराने के लिए कदम उठाएं।”


मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व


अनीस मंसूरी ने कहा कि पसमांदा मुस्लिम समाज हमेशा से सामाजिक समरसता और भाईचारे की वकालत करता आया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि मोहन भागवत का यह बयान समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम बनेगा। लेकिन उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर इसे केवल राजनीतिक हथकंडा बनाकर छोड़ा गया, तो समाज में अविश्वास और बढ़ेगा।


राष्ट्रीय एकता की जरूरत


अनीस मंसूरी ने कहा कि भारत जैसे विविधता वाले देश में धार्मिक एकता और सद्भाव बनाए रखना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि मुसलमान और पसमांदा समाज हमेशा देश की उन्नति और विकास में योगदान देते रहे हैं। ऐसे में उन्हें आतंक और नफरत के माहौल में धकेलना देश के भविष्य के लिए खतरनाक हो सकता है।


समाज को बांटने की राजनीति खत्म होनी चाहिए


उन्होंने भाजपा और आरएसएस से अपील की कि वे समाज को बांटने की राजनीति बंद करें और समाज के हर वर्ग को समान अधिकार और सम्मान दें।

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