लखनऊ छावनी परिषद प्रशासन द्वारा घोर लापरवाही एवं तानाशाही आदेश

लखनऊ छावनी परिषद प्रशासन द्वारा घोर लापरवाही एवं तानाशाही आदेश

लखनऊ छावनी परिषद प्रशासन द्वारा घोर लापरवाही एवं तानाशाही आदेश 

रिपोर्ट, इज़हार अहमद

लखनऊ छावनी परिषद एरिया में 2 कम्युनिटी सेंटर है जिसकी करोना काल में बुकिंग के दौरान पैसा वापसी उपभोक्ता को मिलना चाहिए था लेकिन कैंटोनमेंट बोर्ड ने बिना पब्लिक के नुमाइंदे के बोर्ड बैठक आयोजित कर ली जो कि कैंटोनमेंट एक्ट 2006 का उल्लंघन भी है ।

उपरोक्त बोर्ड मीटिंग में अध्यक्ष छावनी परिषद ने एक तानाशाही फरमान जारी कर दिया की करोना काल में उपरोक्त स्थानों की बुकिंग रद्द नहीं मानी जाएगी एवं उपभोक्ता द्वारा पुराने आदेश को लागू करते हुए धनवापसी नहीं करने का फरमान जारी किया।

जिसको लेकर आम जनता में रोष एवं साथी साथ अवगत कराना है कि प्रधान निदेशक मध्य कमान द्वारा सन 2012 में अपनी तमाम वह शक्तियां जो छावनी परिषद कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखकर उनको आवंटित की गई थी जीओसी इन सी, थल सेना अध्यक्ष मध्य कमान को स्थानांतरित कर दी गई थी विरोध इस बात को लेकर था कि क्यों नहीं प्रधान निदेशक अपनी शक्तियां वापस मांगते हैं, क्यों नहीं नैतिकता के आधार पर थल सेना अध्यक्ष मध्य कमान को उपरोक्त शक्तियां कर्मचारियों के हित में प्रधान निदेशक को वापस  कर देनी चाहिए क्योंकि लगभग 10 साल तक फाइलें कर्मचारियों की इधर से उधर होती रहती हैं और उनका एसीपी इंक्रीमेंट आदि का एरियर ब्याज छावनी परिषद पर बोझ बना रहता है इसका सीधा-सीधा और जागता व सबूत ज्ञान प्रकाश पांडे जो हमारे छावनी परिषद कार्यालय में असिस्टेंट इंजीनियर की पोस्ट पर थे उनको रिटायरमेंट के बाद उपरोक्त इंक्रीमेंट मिला इस बात को लेकर भी कर्मचारियों में रोष था।

लखनऊ छावनी क्षेत्र के सिविल एरिया का विकास के नाम पर कोई काम नहीं हो रहा सीवर लाइन का कार्य बार-बार ठेकेदार के कहने पर छावनी परिषद प्रशासन बढ़ा रहा है और पूरा छावनी क्षेत्र की सारी गलियां खुदी हुई पड़ी है, जिससे राहगीरों को आम जनता को रास्तों को इस्तेमाल करने वाले लोगों को गिरकर चोट लग जाना एक्सीडेंट हो जाना रोज दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। 

जब मीडिया ने मुख्य अधिशासी अधिकारी विकास बिश्नोई से इस सम्बन्ध में जानकारी मांगी तो उन्होंने अपना पल्ला झाड़ दिया।

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