जिलाधिकारी ने की जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक
- Posted By: Dinesh Kumar
- उत्तर प्रदेश
- Updated: 1 October, 2024 20:51
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PPN NEWS
रिपोर्ट - दिनेश कुमार (जिला संवाददाता)
जिलाधिकारी ने की जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक
कौशाम्बी। जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी द्वारा मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय सभागार में सम्बन्धित अधिकारियों के साथ जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक की गई।
बैठक में जिलाधिकारी ने परिवार कल्याण कार्यक्रमों की समीक्षा के दौरान प्रभारी चिकित्साधिकारियों से कहा कि कार्ययोजना बनाकर लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने एएनसी रजिस्ट्रेशन की समीक्षा के दौरान प्रभारी चिकित्साधिकारियों को गर्भवती महिलाओं की एएनसी चेकअप पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दियें। उन्होंने नियमित टीकाकरण की समीक्षा के दौरान सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों से कहा कि आशा एवं एएनएम के साथ नियमित रूप से बैठक कर टीकाकरण की प्रगति की समीक्षा की जाय तथा आशा एवं एएनएम के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाय कि वे अपने बच्चों को टीका अवश्य लगवायें। जिलाधिकारी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र-कड़ा, मंझनपुर एवं चायल में टीकाकरण की प्रगति कम पाये जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए नोडल अधिकारी कड़ा, मंझनपुर एवं चायल को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दियें।
जिलाधिकारी द्वारा मातृ मृत्यु सूचना एवं आडिट की समीक्षा के दौरान प्रभारी चिकित्साधिकारी एवं नोडल अधिकारी सिराथू द्वारा मातृ मृत्यु ऑडिट की सही जानकारी न दिये जाने पर जिलाधिकारी ने दोनो अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि दिये जाने के निर्देश दियें। उन्हांने कहा कि डॉ0 भगवान का रूप होता है, किसी भी हॉल में मातृ मृत्यु न होने पाये, इसका अथक प्रयास करना चाहिए। उन्होंने जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान कहा कि प्रसूता को निर्धारित समयावधि 48 घण्टें तक अस्पताल में रोका जाय तथा लाभार्थियों को दी जाने वाली भोजन की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाय। आभा आईडी की समीक्षा के दौरान जनरेशन में धीमी प्रगति पाये जाने पर जिलाधिकारी ने असंतोष व्यक्त करते हुए माह-अक्टूबर तक आभा आईडी के जनरेशन की प्रगति बढ़ाये जाने के निर्देश दियें। स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने जननी सुरक्षा योजना के व्यवस्थित संचालन, कार्यरत स्वास्थ्य कार्यकत्रियों जैसे-आशा एवं एएनएम की कार्य प्रणाली, संस्थागत प्रसव आदि से सम्बन्धित चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित जितनी भी सेवाओं योजनाओं का सम्बन्ध कार्यरत स्वास्थ्य कार्यकत्रियों से हैं, उसकी समीक्षा अनिवार्य रूप से मुख्य चिकित्साधिकारी एवं सम्बन्धित चिकित्साधिकारीगण एक-एक आशा/एएनएम के सापेक्ष सुनिश्चित करें। उन्हांने कहा कि संघर्षशील आशा को चिन्हित कर उन्हें ट्रेनिंग देकर निपुण बनाने का कार्य करें।
बैठक में बताया गया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत माह-सितम्बर 2024 तक 691084 लक्ष्य के सापेक्ष अब तक कुल 528484 गोल्डेन कार्ड बनाये जा चुकें हैं, जिस पर जिलाधिकारी ने गोल्डेन कार्ड बनाये जाने की प्रगति में और तेजी लाये जाने के निर्देश दिये। बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत जिला चिकित्सालय तथा सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर प्रत्येक माह की 01, 09, 16 एवं 24 तारीख को हाईरिस्क चिहिन्त गर्भवती महिलाओं को घर से अस्पताल तक लाने की परिवहन सुविधा उपलब्ध करायी जाती है। आवश्यक जॉचे, हीमोग्लोबिन अति न्यून होने पर खून चढ़ाने की सुविधा, उपचार के बाद घर तक जाने के लिए परिवहन की सुविधा एवं अति जोखिम ग्रस्त महिलाओं के लिए एनएनएम व आशा द्वारा विशेष फॉलो-अप किया जाता है।
जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, राष्ट्रीय अन्धता निवारण कार्यक्रम, पुनरीक्षित क्षय रोग नियन्त्रण कार्यक्रम, राष्ट्रीय कुष्ठ रोग कार्यक्रम आदि की भी विस्तृत समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दियें। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अजीत कुमार श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 संजय कुमार एवं सीएमएस सुनील कुमार शुक्ला सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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