जिला पंचायत अध्यक्ष का ख्वाब देखने वालों के मंसूबों पर फिर सकता है पानी
- Posted By: Dinesh Kumar
- उत्तर प्रदेश
- Updated: 15 February, 2021 20:38
- 686

प्रकाश प्रभाव न्यूज
कौशाम्बी
फरवरी-15-02-2021
संवाददाता-अनिल कुमार
जिला पंचायत अध्यक्ष का ख्वाब देखने वालों के मंसूबों पर फिर सकता है पानी
पिछड़े वर्ग की महिला और अनुसूचित जाति के पुरुष के लिए यह सीट कभी आरक्षित नहीं हुई थी
गलत तरीके से आरक्षण करने वाले अधिकारियों के कारनामों को योगी सरकार ने संज्ञान लिया तो लाली पाप की लालच में किए गए आरक्षण का खुलासा होगा
कौशाम्बी । त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर शासन ने कौशांबी जिला पंचायत की सीट अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित कर दी है लेकिन दूसरी तरफ शासन ने यह कहा है कि आरक्षण में यदि किसी को आपत्ति हो तो वह आपत्ति दर्ज कराएं शासन ने कहा है कि जिन सीटों को जिस जाति के लिए पूर्व में आरक्षण किया गया उसके लिए वह सीट आरक्षित नहीं कराई जाएगी लेकिन किसी गणित के तहत कौशांबी सीट को अधिकारियों ने लाली पाप के लालच में फिर अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित घोषित कर दिया गया है यह आरक्षण नियमावली के विपरीत है जिस पर अपर मुख्य सचिव पंचायती राज के यहां आपत्तियां दाखिल होनी शुरू हो गयी हैं
जबकि इसके पूर्व वर्ष 1998 और वर्ष 2006 में कौशांबी जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित हो चुकी है और इस सीट पर पुष्पा देवी और मधु वाचस्पति अध्यक्ष रह चुकी हैं वर्ष 2000 में कौशांबी जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट सामान्य वर्ग पुरुष के लिए खाली छोड़ दी गई थी जिस पर कपिल मुनि करवरिया जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर काबिज रहे वर्ष 2011 में जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट पिछड़ी जाति पुरुष के लिए आरक्षित किया गया था जिस पर राजेश कुशवाहा जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट पर काबिज थे वर्ष 2016 में जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट सामान्य महिला के लिए आरक्षित की गई थी जिस पर 2016 से 2017 तक मधुपति और 2017 से 2018 अनामिका सिंह और 2019 2020 तक अवध रानी अध्यक्ष पद पर काबिज रह चुकी है इसके पूर्व कुछ दिनों तक इफ़्फ़न बीबी जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर काबिज रह चुकी हैं और समय-समय पर अध्यक्ष विहीन कुर्सी पर प्रशासनिक अधिकारियों को भी चार्ज दिया गया था अब सवाल उठता है कि पिछड़े वर्ग की महिला और अनुसूचित जाति के पुरुष के लिए यह सीट कभी आरक्षित नहीं हुई थी फिर इस सीट को किस आधार पर अनुसूचित जाति की महिला के लिए इस बार आरक्षित किया गया है यह आरक्षण नियमावली का उल्लंघन है और गलत तरीके से आरक्षण करने वाले अधिकारियों के कारनामों को योगी सरकार ने संज्ञान लिया तो लाली पाप की लालच में किए गए आरक्षण का खुलासा होगा वहीं जिले के लोगों ने आरक्षण पर आपत्तियां दाखिल करनी शुरू कर दी हैं जिससे अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित इस सीट पर चुनाव लड़ने की मंशा रखने वालों पर पानी फिर सकता है ।
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