जिम्स में कोरोना संक्रमण से बचने को डॉक्टरों का भी विशेष प्रशिक्षण शुरू, नर्स, पैरा-मेडिकल स्टाफ और मरीज के परिजनों को भी मिलेगी ट्रेनिंग

जिम्स में कोरोना संक्रमण से बचने को डॉक्टरों का भी विशेष प्रशिक्षण शुरू, नर्स, पैरा-मेडिकल स्टाफ और मरीज के परिजनों को भी मिलेगी ट्रेनिंग

Prakash prabhaw news

रिपोर्टर-विक्रम

जिम्स में कोरोना संक्रमण से बचने को डॉक्टरों का भी विशेष प्रशिक्षण शुरू, नर्स, पैरा-मेडिकल स्टाफ और मरीज के परिजनों को भी मिलेगी ट्रेनिंग

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने और खुद को सुरक्षित रखने के लिए बुधवार को जिले के सभी अस्पतालों के डाक्टरों, नर्स, पैरा-मेडिकल स्टॉफ और इलाज कराने वाले संक्रमित लोगों के लिए विशेष ट्रेनिंग प्रोग्राम की शुरुआत की गई। गौतमबुद्ध नगर जिले के कोविड-19 के नोडल अधिकारी और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण व डीएम सुहास एलवाई की पहल पर इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार सिंह इस कार्यक्रम का नोडल अधिकारी बनाया गया है। 

राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) के सभागार में बैठक की अध्यक्षता करते हुए कोविड-19 के नोडल अधिकारी नरेंद्र भूषण ने कहा, प्राय: देखने में आ रहा है कि चिकित्सालय में कार्य करने वाले डॉक्टर पैरा-मेडिकल स्टाफ और वहां इलाज करा रहे मरीज के परिजन भी कोरोना वायरस के संक्रमण से ग्रसित हो रहे हैं। इस पर अंकुश लगाने के लिए आवश्यक है कि सभी चिकित्सालय स्टाफ को अपनी ड्यूटी के दौरान कोरोना वायरस से सुरक्षित करने के उद्देश्य से व्यापक स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाए। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए मुख्य विकास अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया गया है। सभी को तकनीकी जानकारी देने के उद्देश्य से जिम्स के निदेशक डॉ. राकेश गुप्ता प्रशिक्षण देंगे। 

जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने अधिकारियों से कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि इस प्रशिक्षण में किसी भी अस्पताल का स्टॉफ छूट न जाए। वे सभी अस्पतालों के स्टाफ को इस बात का तकनीकी प्रशिक्षण दिलाएं कि ड्यूटी के दौरान किस प्रकार कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है। नोडल अधिकारी अनिल कुमार सिंह ने कहा कि कोविड-19 को लेकर जिम्स अस्पताल के डायरेक्टर के निर्देशन में सभी चिकित्सक और अन्य स्टाफ सराहनीय कार्य कर रहे हैं। उसी का नतीजा है कि जिले में सभी कोरोना संक्रमित मरीज ठीक होकर अपने घर जा रहे हैं। इसी प्रकार अन्य  चिकित्सालय में भी कार्रवाई सुनिश्चित करें। इसके लिए प्रशिक्षण बेहद जरूरी है। इस मौके पर जिला स्तरीय अधिकारियों के अलावा 100 हॉस्पिटल के डॉक्टर और अधिकारी मौजूद थे।

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