यह लड़की ऐसा रिकॉर्ड बनाएगी जिसकी कल्पना आप सपने में भी नहीं कर सकते हैं

यह लड़की ऐसा रिकॉर्ड बनाएगी जिसकी कल्पना आप सपने में भी नहीं कर सकते हैं

PPN NEWS

ब्यूरो रिपोर्ट

यूपी की रोल मॉडल बनेंगी जिया राय, अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस में होंगी सम्मानित


आजमगढ़।  मशहूर शायर अल्लामा इक़बाल का एक शेर है। 

ख़ुदी को कर बुलंद इतना, कि हर तक़दीर से पहले ख़ुदा बन्दे से ख़ुद पूछे कि बता तेरी रज़ा क्या है। अल्लामा इक़बाल के इस मशहूर शेर को चरितार्थ कर दिखाया है जिया राय ने। दरअसल जिया राय ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (डिले इन स्पीच) नामक बीमारी से ग्रसित है और समंदर की विशालकाय लहरों का सीना चीर कर अबतक के विश्व रिकॉर्ड अपने नाम कर चुकी है। जिया की इसी उपलब्धि को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने उसे दिव्यांगों का रोल मॉडल के रूप में पेश करने के लिये चयनित किया है।

जिया राय को आगामी 3 दिसंबर 2021 को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के दिन उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया जाएगा। मूलतः आज़मगढ़ के सगड़ी तहसील क्षेत्र के कटाई अलीमुद्दीनपुर निवासी जिया राय को तैराकी में कई विश्व रिकार्ड बनाने का गौरव हासिल है।

सबसे कम उम्र की दिव्यांग जिया को लखनऊ में होंगी सम्मानित-

जिया राय को राजधानी लखनऊ में राज्यपाल व मुख्यमंत्री के हाथों मेडल व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा। जिया राय(14वर्ष) को सबसे कम उम्र में यह प्रशस्ति पत्र उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा दिया जाएगा। 

जिया राय को सम्मानित करने एवं दिव्यांगों का रोल मॉडल के तौर पर चयनित करने की सूचना उनके घर जाकर स्वयं पर आजमगढ़ समाज कल्याण के अधिकारी डीडी भारती ने दी। सूचना मिलते ही उनके घर और गांव में खुशी की लहर दौड़ पड़ी।


बता दें कि अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के मौके पर जिया राय को 26 हजार रुपये की धनराशि, प्रशस्ति पत्र व मेडल देकर लखनऊ में सम्मानित किया जाएगा। 

 एक नज़र जिया की उपलब्धि पर-

जिया राय ने पहला विश्व रिकॉर्ड 14 फरवरी 2020 में एलिफेंटा से गेट-वे ऑफ इंडिया तक 14 किमी. की तैराकी 3 घंटा 27 मिनट में पूरी कर बनाया था तो वहीं दूसरा विश्व रिकॉर्ड अरनाला फोर्ट से वसई फोर्ट 22 किमी. की दूरी 7 घंटा 4 मिनट में पूरी कर बनाया जबकि तीसरा विश्व रिकॉर्ड वर्ली सी लिंक से गेटवे ऑफ इंडिया 36 किमी. की दूरी 8 घंटा 40 मिनट में तैर कर बनाया। इसके अलावा जिया ने कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर कई स्वर्ण पदक अपने नाम किये हैं।

तैराकी की चारों विधाओं में मिला स्वर्ण पदक-

जिया राय ने राष्ट्रीय तैराकी चैंपियनशिप 2021में मुंबई की तरफ से खेलते हुए 200 मीटर फ्रीस्टाइल, 100 मीटर बैकस्ट्रोक ,100 मीटर बटरफ्लाई तैराकी में स्वर्ण पदक जीता तो 5 किमी. ओपन तैराकी का राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी अपने भी नाम करने में सफलता हासिल की। इसके अलावा 1 किमी. तैराकी मात्र 6 मिनट 40 सेकंड में बनाया जो अभी भी जिया के नाम से दर्ज है। 


कौन है जिया राय-

मूल रूप से यूपी के आज़मगढ़ ज़िले के सगड़ी तहसील क्षेत्र की कताई अलीमुद्दीनपुर की रहने वाली जिया राय दिव्यांग है और ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर(डिले इन स्पीच) से ग्रसित हैं।

जिया अब तक समुद्र की लहरों में कई इतिहास रच चुकीं हैं। जिया राय के पिता मदन राय आईएनएस शिकरा में तैनात आर्म्स द्वितीय में मास्टर चीफ़ के पद पर कार्यरत हैं जबकि जिया की मां रचना राय सेंट्रल स्कूल में अध्यापक हैं। जिया राय स्वयं नेवी चिल्ड्रन स्कूल मुम्बई की छात्रा हैं।

जिया के पिता मदन राय ने बताया कि कम उम्र होने के कारण जिया का इस वर्ष हुए पैरालंपिक खेलों में चयन नहीं हो पाया। हालांकि पैरालंपिक में चयन न होने का मलाल जिया राय को है लेकिन उसके हौसले में कोई कमी नहीं आयी है और वो अगले पैरालंपिक में प्रतिभाग कर स्वर्ण पदक हासिल करने के लिये अभ्यास में जुटीं हैं।

मदन राय ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जिया को सबसे कम उम्र में दिव्यांग का रोल मॉडल बनाए जाने पर हर्ष व्यक्त किया।

जिया राय के गांव सगड़ी तहसील के अलीमुद्दीन निवासियों ने उनके घर पहुंचकर उनकी इस उपलब्धि पर बधाई दी।

इस अवसर पर मुख्य रुप से ग्राम प्रधान पवन यादव, सुबोध राय, वीरेंद्र यादव, उनके बाबा सुभाष राय, चाचा विपिन राय व दादी राधिका राय सहित क्षेत्र के दर्जनों की संख्या में लोग मौजूद रहे।

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