आजमगढ़ में दूसरे विकास दुबे का रूप है जियापुर का रमेश पाण्डेय
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- उत्तर प्रदेश
- Updated: 29 July, 2020 11:58
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प्रकाश प्रभाव न्यूज़
आजमगढ़
रिपोर्ट, नीरज उपाध्याय
आजमगढ़ में दूसरे विकास दुबे का रूप है जियापुर का रमेश पाण्डेय
जहां उत्तर प्रदेश में योगी सरकार लगातार अपराध को समाप्त करने की बात करती है। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में अपराधियों का दिन पर दिन वर्चस्व बढ़ता ही चला जा रहा है। अभी हाल ही में कानपुर के बिकरू गांव का मामला सभी के सामने आया जिसमें विकास दुबे का वर्चस्व किसी से अछूता नहीं रहा।
ठीक ऐसा ही कुछ मामला जनपद आजमगढ़ का प्रकाश में आया है। जहां पर तरवा थाना क्षेत्र के जियापुर गांव में रमेश पांडे नाम के व्यक्ति का इतना खौफ है कि उसके खिलाफ जाने की किसी की हिम्मत नहीं होती है, अगर दूसरे शब्दों में कहें तो प्रदेश में यह दूसरा विकास दुबे का रूप कहा जा सकता है।
आजमगढ़ के इस गाँव में जमाने से मीडिया नहीं पहुंचीं। इस गांव में लगभग 30 से 35 साल पहले ही मीडिया गई थी। उसके बाद आज तक कभी किसी मीडिया की हिम्मत नहीं हुई कि जियापुर में कदम रख दें। अब मीडिया ने इस गांव का सच सामने लाने की ठानी ली है और गांव की समस्या को उजागर करने का बीड़ा उठा लिया है। गांव में पहुंचने के बाद पता चला कि गांव में एक ऐसा व्यक्ति है। जिससे खौफ से पूरा गांव दहशत के साए में जी रहा है।
उसके सामने किसी की आवाज तक नहीं निकलती ना ही उसके सामने कोई आंखें नहीं उठाता है। जिस व्यक्ति गांव में इतना खौफ है उसका नाम है रमेश पाण्डेय। सुनने में तो यह नाम बिल्कुल साधारण है,लेकिन इस व्यक्ति के कारनामें असाधारण हैं।
यह व्यक्ति गांव में जबरन किसी के भी घर में ताला मार देता है किसी के घर को बुलडोजर लगाकर गिरा देता है,तो कहीं गांव वालों की जमीनों को जबरन कब्जा कर लेता है। सरकारी अधिकारी या प्रशासनिक कर्मचारी कोई भी इस व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही नहीं करता है। पिछले लगभग 30/35 वर्षों से यह प्रकरण चलता चला आ रहा है। इस व्यक्ति का वर्चस्व इस गांव में इस कदर है कि गांव वाले इसके सामने जुबान खोलने की हिम्मत नहीं करते हैं।
यहां तक कि प्रशासन के लोग भी इसके सामने घुटने टेकते हैं और इसी के घर से वापस चले जाते हैं। गांव में कई जगहों पर सड़क को पीच रोड बनाने से भी रोक रखा है। गांव वालों को आने जाने नहीं देता। इतना ही नहीं अभी जल्द ही इसने एक विधवा महिला के घर में घुसकर जबरन उसके घर के अंदर कई कमरों में ताला मार दिया और घर से भगाने लगा। जब महिला ने हाथ पैर जोड़ा तो उसे कुछ समय दिया और कहा समय बीतने से पहले घर खाली नहीं किया तो जान से मार कर उसी घर में गाड़ देगा।
इसने ऐसे ही कई लोगों के साथ इस ने जबरन घटनाएं घटित की गांव वालों ने बताया कि कुछ लोगों को मौत के घाट उतरवा दिया। लेकिन कोई कार्रवाई हो सकी क्योंकि रमेश पाण्डेय के खिलाफ गांव के किसी आदमी की बोलने की हिम्मत नहीं थी।
लेकिन अब विकास दुबे जैसे कुख्यात अपराधी के मरने के बाद इस गांव के लोगों में भी हिम्मत आ चुकी है और लोगों ने इसके खिलाफ आवाज उठाना शुरू कर दिया है। अब इस व्यक्ति के खिलाफ पूरा गांव खड़ा है और एकजुट होकर इस के अत्याचार से निजात पाने की जद्दोजहद में लग चुका है। इस पूरे अत्याचार के प्रकरण का खुलासा तब हुआ जब इस गांव में जल्द ही महामारी से बर्बाद हुआ परिवार जो कि कोलकाता में छोटा-मोटा काम करके जिंदगी जी रहे था वापस अपने घर बाकी की जिंदगी बिताने पहुंचा।
जहाँ उनके खेत पर रमेश पाण्डेय ने पहले से ही कब्जा जमा रखा था। जैसे ही यह परिवार अपने बाप दादा के आशियाने में अपनी बची हुई जिंदगी को बिताने पहुंचा इस दबंग के अत्याचार का शिकार हो गया। इसने इस परिवार को इतनी बुरी तरह से मारा पीटा अत्याचार की सभी हदें पारकर दी। घर में घुसकर महिलाओं को पटक-पटक कर घसीट घसीट कर लात घुसें से पीटा। इन परिवार वालों को भी जिंदा दफन करने की धमकी दे दिया।
लेकिन यह परिवार हिम्मत कर इसके खिलाफ खड़ा हुआ और आजमगढ़ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर प्रार्थना पत्र दिया।जिसके बाद इस परिवार से प्रेरित होकर पूरे गांव वाले एक होकर खड़े हो गए और अत्याचारी रमेश पांडेय, खिलाफ आवाज उठाने लगे।
अब देखने वाली बात यह होगी कि इस अत्याचारी के अत्याचारों का अंत होता है। या फिर इसी तरह से गांव वाले फिर एक बार इस व्यक्ति के गुलाम होकर जीने को मजबूर होंगें।
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