कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ मुकदमा, कब्र से निकाली गई महिला की लाश, पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया शव,
- Posted By: Sarvare Alam
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- Updated: 19 September, 2025 23:16
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👉दहेज हत्या के आरोप में ससुराल पक्ष पर मुकदमा दर्ज,
👉डेढ़ साल बाद सामने आई पूरी कहानी
19 सितंबर 2025
संवाददाता सरवरे आलम
प्रकाश प्रभाव न्यूज़
सुल्तानपुर घोष /फतेहपुर। उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में डेढ़ साल पुरानी एक संदिग्ध मौत के मामले में कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद बड़ा खुलासा हुआ है। दहेज हत्या के इस मामले में शुक्रवार को प्रशासन की निगरानी में एक महिला की कब्र खुदवाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक मामला 1 सितंबर 2024 को फतेहपुर जिले के हथगाम थाना क्षेत्र के लाड़लेपुर गांव का है, जहां विवाहिता शकीला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। परिजनों का आरोप है कि ससुराल वालों ने 2 लाख रूपये की अतिरिक्त दहेज की मांग पूरी न होने पर हत्या कर दी और बिना सूचना दिए गुपचुप तरीके से अंतिम संस्कार भी कर दिया।
शादी में 5 लाख खर्च, फिर भी ससुराल पक्ष संतुष्ट नहीं हुआ
शकीला की मां, बड़कुन पत्नी शग्गा, निवासी रौज़े सैफखा गडरिया पुर थाना सैनी, जनपद कौशांबी ने बताया कि उन्होंने 3 जुलाई 2021 को अपनी बेटी की शादी मोहम्मद वसीम पुत्र ईदीशाह से की थी। शादी में उन्होंने अपनी हैसियत के अनुसार 5 लाख रूपये तक का खर्च किया और जरूरी दान-दहेज भी दिया। लेकिन, शादी के कुछ ही समय बाद शकीला के ससुराल पक्ष – जिसमें पति मोहम्मद वसीम, जेठ हलीम, नगीना, नग्गा और एक जेठानी (नाम अज्ञात) शामिल हैं – ने 2 लाख रूपये की अतिरिक्त मांग शुरू कर दी। यह रकम कथित रूप से ‘व्यवसाय करने’ के लिए मांगी जा रही थी।
मानसिक उत्पीड़न से लेकर हत्या तक का आरोप
बड़कुन के अनुसार, जब उन्होंने यह अतिरिक्त रकम देने से इनकार कर दिया, तो उनकी बेटी के साथ लगातार मानसिक और पारिवारिक उत्पीड़न किया जाने लगा। कई बार पंचायत और रिश्तेदारों की मदद से सुलह करवाया गया, लेकिन उत्पीड़न रुकने का नाम नहीं ले रहा था।
1 सितंबर 2024 को अचानक खबर मिली कि शकीला की मौत हो गई है। जब परिजन मौके पर पहुंचे तो उन्हें धमकी देकर दूर कर दिया गया और अंतिम संस्कार भी जल्दबाज़ी में कर दिया गया।
डर के कारण नहीं की रिपोर्ट, बाद में न्यायालय का सहारा
बड़कुन ने बताया कि उन्हें ससुराल वालों द्वारा जान से मारने की धमकी दी गई थी, जिसके कारण उन्होंने शुरुआत में कोई पुलिस रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई। कुछ दिन बाद उन्होंने थाना हथगाम में प्रार्थना पत्र दिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने 18 अक्टूबर 2024 को पुलिस अधीक्षक फतेहपुर को रजिस्टर्ड डाक से पत्र भेजा, लेकिन फिर भी कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिरकार, न्याय की उम्मीद में उन्होंने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट के आदेश पर 30 दिसंबर 2024 को मुकदमा दर्ज किया गया।
कब्र खुदवाकर शव का कराया गया पोस्टमार्टम
मुकदमा दर्ज होने के बाद मामले की जांच शुरू हुई। शुक्रवार को क्षेत्राधिकारी थरियांव वीर सिंह और नायब तहसीलदार ओमप्रकाश की उपस्थिति में कब्र को खुदवाया गया और शकीला के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। वहीं पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
जांच जारी, कई आरोपी रडार पर
इस पूरे मामले में पति मोहम्मद वसीम समेत कई ससुरालीजनों के खिलाफ दहेज हत्या, धमकी और साक्ष्य छिपाने जैसे गंभीर आरोप दर्ज किए गए हैं। वहीं पुलिस की टीम अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अन्य साक्ष्यों के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की तैयारी में जुटी है।
क्या कहती है क़ानून व्यवस्था?
उत्तर प्रदेश में दहेज हत्या के मामलों में एफआईआर दर्ज करने से लेकर कार्रवाई तक अक्सर देरी देखी जाती है। हालांकि, अदालत के दखल के बाद पुलिस को इस मामले में हरकत में आना पड़ा।
क्या अब मिलेगा न्याय?
शकीला की मां की यह लड़ाई उत्तर प्रदेश में दहेज प्रथा और महिला सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े करती है। एक ओर सिस्टम की सुस्ती है, तो दूसरी ओर एक मां का अडिग संघर्ष — जो अब कोर्ट के आदेश पर धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है।
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