सी.एम.एस. संस्थापक डाॅ. जगदीश गाँधी ने प्रधानमंत्री मोदी व अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से विश्व संसद के शीघ्र गठन की अपील की

सी.एम.एस. संस्थापक डाॅ. जगदीश गाँधी ने प्रधानमंत्री मोदी व अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से विश्व संसद के शीघ्र गठन की अपील की

PPN NEWS

 लखनऊ, फरवरी 10ः

Report, Izhar Ahmad 

सी.एम.एस. संस्थापक डाॅ. जगदीश गाँधी ने प्रधानमंत्री मोदी व अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से विश्व संसद के शीघ्र गठन की अपील की 

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच प्रारम्भिक वार्तालाप में ही एक अन्तर्राष्ट्रीय व्यवस्था बनाने की बात का आहवान करते हुए, लखनऊ के प्रख्यात सिटी मोन्टेसरी स्कूल के संस्थापक, जाने माने शिक्षाविद् डाॅ. जगदीश गाँधी ने आज यहाँ एक प्रेस कान्फ्रेन्स को सम्बोधित करते हुए एक पत्र द्वारा दोनो देशों के महान नेताओं से एक विश्व संसद के शीघ्र गठन की ज़ोरदार पेशकश की। 

अपने पत्र में डाॅ.जगदीश गाँधी ने  मोदी जी व  बाइडन से अपील की कि वे विश्व के राजनेताओं की एक मीटिंग बुलाएँ व मानवता को पूर्णतया नष्ट होने से बचाने के लिए एक विश्व संसद का गठन करें।ये मीटिंग चाहें अमेरिका की राजधानी वाशिन्गटन डी.सी. में अथवा भारत की राजधानी, नई दिल्ली में हो सकती है।

डाॅ. जगदीश गाँधी ने कहा ‘‘ हम उम्मीद करते हैं कि अमेरिका के राष्ट्रपति  जो बाइडन और भारत के प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी, संसार की 7.5 अरब अबादी (जिसमें 2.5 अरब बच्चे भी शामिल हैं) के भविष्य की सुरक्षा के लिए, आने वाली पीढ़ियों के सुन्दर भविष्य के लिए जो कि द्वितीय विश्व युद्ध छिड़ने के बाद पिछले सात दशकों से बहुत असुरक्षित और अंधकारमय होता गया है व हाल में बढ़ती हुई अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवाद, ग्लोबल वार्मिन्ग, महाविनाशक हथियारों का जमावड़ा, तृतीय विश्वयुद्ध का डर और परमाणु युद्ध का जो भय बना हुआ है, उसे रोकने के लिए ठोस कदम उठायेंगे और इसके एकमात्र समाधान, अन्तर्राष्ट्रीय विश्व व्यवस्था और विश्व संसद, का शीघ्र गठन करेंगे)।

यह विश्व संसद यूरोपीय संसद की तरह ही होनी चाहिये जिसमें 27 सम्प्रभु यूरोपीय देशों ने मिलकर एक सपना देखा और समान दृष्टिकोण रखते हुए यूरोपियन एकता, शान्ति और समृद्धि बनाने का प्रयास किया व किसी भी देश को अपनी सम्प्रभुता नहीं छोड़नी पड़ी।

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न, अटल बिहारी बाजपेयी की पंक्तियाँ दोहराते हुए, डाॅ. जगदीश गाँधी ने कहा - ‘‘ विश्व शान्ति के हम साधक हैं, हम जंग ना होने देंगे।’’ उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी भारत की प्राचीन सभ्यता व संस्कृति और ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम्’’ के विचारों से ओतप्रोत हैं, वे शान्ति के उपासक हैं और विश्व एकता व विश्व शांति के लिए भारतीय संविधान की धारा 51 को मानते हुए अन्तर्राष्ट्रीय विश्व व्यवस्था व विश्व शांति के लिए पूर्ण रूप से समर्पित हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में ट्वीट किया -राष्ट्रपति जो बाइडन और हम एक कानून पर आधारित अन्तर्राष्ट्रीय व्यवस्था ; के लिए प्रतिबद्ध हैं। 

हम अपनी ‘‘स्टैटेजिक पार्टनरशिप" को और मजबूत बनाना चाहते हैं जिससे इण्डो पैसेफिक रीजिन में शान्ति और सुरक्षा बनी रहे।’’

इसके आगे डाॅ. जगदीश गाँधी ने कहा कि आज का समय दोनो बड़े प्रजातांत्रिक देशों के पास आने का सबसे अच्छा समय है जिससे पूरी मानवजाति लाभान्वित होगी और यूरोपीय संसद की तर्ज पर स्थापित विश्व संसद के गठन से विश्व एकता व विश्व शान्ति आयेगी।

यूरोपीय संसद के लिए 27 सम्प्रभु यूरोपीय देशों का एकजुट होकर सम्भव हुआ जिसमें किसी भी देश को अपनी सम्प्रभुता नहीं खोनी पड़ी और प्रत्येक देश ने यूरोपीय एकता, शान्ति और समृद्धि का एक ही सपना मिलकर देखा और इसे साकार किया।

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