नकल व पेपर लीक करने वाले हो जाये सावधान, खानी पड़ेगी जेल की हवा

नकल व पेपर लीक करने वाले हो जाये सावधान, खानी पड़ेगी जेल की हवा

PPN NEWS

नई दिल्ली 


 नकल व पेपर लीक के आरोप में तीन से पांच साल जेल और जुर्माना हो सकता है


 नकल व पेपर लीक के खिलाफ लोकसभा में पास हुआ बिल


 लोकसभा में मंगलवार को सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक 2024 को मंजूरी दे दी है। विधेयक का उद्देश्य नकल और पेपर लीक पर लगाम लगाना है। साथ ही यूपीएससी, एसएससी, रेलवे, एनईईटी, जेईई और सीयूईटी सहित विभिन्न डोमेन में सार्वजनिक एग्जाम में चीटिंग की समस्या से निपटना है। इसे अब राज्यसभा में भेजा जाएगा।


आरोप में तीन से पांच साल जेल और जुर्माना हो सकता है


विधेयक में अधिकतम तीन से पांच साल की जेल और दस लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसके प्रावधान मेधावी छात्रों और उम्मीदवारों के हितों की रक्षा के लिए हैं। विपक्षी सदस्यों द्वारा प्रस्तावित संशोधनों को अस्वीकार करने के बाद विधेयक को लोकसभा द्वारा पारित किया गया था।


केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा


केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने विधेयक पेश करते हुए कहा, 'सरकार संगठित अपराधों के मामले में उम्मीदवारों को बलिदान नहीं होने देगी।' उन्होंने कहा कि छात्र और अभ्यर्थी इस विधेयक के दायरे में नहीं आते हैं। नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को इससे कोई नुकसान नहीं होगा।


पब्लिक एग्जामिनेशन बिल 2024 के प्रावधान


दोषी को तीन से पांच वर्ष की जेल और दस लाख तक का जुर्माना।


दूसरे परीक्षार्थी की जगह एग्जाम देने के दोषी को तीन से पांच वर्ष की जेल और दस लाख का जुर्माना।


संस्थान से मिली भगत साबित होने पर संस्थान से परीक्षा का खर्च वसूला जाएगा। साथ ही एक करोड़ का जुर्माना और प्रॉपर्टी जब्त की जाएगी।


संस्थान के इंचार्ज के दोषी होने पर तीन से दस साल की जेल और 1 करोड़ का जुर्माना देना पड़ेगा। अपराध में शामिल लोगों को पांच से दस साल की सजा और 1 करोड़ तक का जुर्माना लगेगा।


जम्मू-कश्मीर के स्थानीय चुनावों में आरक्षण पर चर्चा हुई


संसद के बजट सत्र के 5वें दिन (मंगलवार) सदन की कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के स्थानीय नुकायों में आरक्षण पर चर्चा से शुरू हुई। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सोमवार को लोकसभा में जम्मू-कश्मीर लोकल बॉडीज लॉज (अमेंडमेंट) बिल 2024 पेश किया। वहीं, राज्यसभा में कंसीडरेशन द कॉन्स्टीट्यूशन ऑर्डर अमेंडमेंट बिल 2024 और कॉन्स्टीट्यूशन (शेड्यूल्ड कास्ट्स एंड शेड्यूल्ड ट्राइब्स) ऑर्डर्स बिल 2024 पर चर्चा शुरू हुई।

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