महिला आयोग सदस्य के निर्देश के डेढ़ महीने बाद भी विवाहिता की तहरीर पर दहेज लोभियों के नाम नहीं दर्ज हो सका मुकदमा

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प्रकाश प्रभाव न्यूज
कौशाम्बी-23-03-2021
संवाददाता-अनिल कुमार
महिला आयोग सदस्य के निर्देश के डेढ़ महीने बाद भी विवाहिता की तहरीर पर दहेज लोभियों के नाम नहीं दर्ज हो सका मुकदमा
कौशाम्बी।करारी थाना क्षेत्र के पंचम्भा गांव की रहने वाली करिश्मा देवी पुत्री सुरेश कुमार पासी की शादी 12 मई 2018 को करारी थाना क्षेत्र के बाभन पुरवा गुवारा निवासी रिटायर्ड दरोगा रामखेलावन के पुत्र संजीव कुमार के साथ हिंदू रीति रिवाज से हुई थी दरोगा पुत्र ने अपनी पत्नी को दहेज के लिए प्रताड़ना देना शुरू कर दिया आरोप है कि दरोगा पुत्र का अपनी रिश्ते की भतीजी से अवैध संबंध है जिसके चलते वह पत्नी से दूरी भाग रहा है दहेज डिमाण्ड पूरी ना कर पाने पर विवाहिता करिश्मा को दरोगा और उसके बेटे ने मारपीट कर जेवरात नगदी बर्तन कपड़ा फर्नीचर छीन कर भगा दिया बीते 14 महीने से पुलिस की चौखट में फरियाद कर विवाहिता न्याय मांग रही है लेकिन पुलिस ने दहेज लोभी रिटायर्ड दरोगा और उसके पुत्र पर अभी तक मुकदमा नहीं दर्ज किया है 20 जनवरी 2020 को पीड़ित विवाहिता ने महिला थाने में न्याय की फरियाद की लेकिन महिला थानेदार से उसे केवल आश्वासन मिला लेकिन उसे न्याय नहीं मिल सका 19 जनवरी 2020 को पीड़िता ने करारी थाने में प्रार्थना पत्र दिया फिरं उसे पुलिस ने आश्वासन की घुट्टी पिलाई 22 फरवरी 2020 को पीड़ित विवाहिता जिला अधिकारी के सामने फरियाद कर न्याय की मांग की लेकिन फिर जिलाधिकारी कार्यालय से भी उसे आश्वासन के अलावा न्याय नहीं मिल सका बीते 14 महीने से न्याय के लिए विवाहिता थाने से लेकर आला अधिकारियों के चौखट तक फरियाद कर चुकी है लेकिन दहेज लोभी दरोगा और उसके बेटे पर पुलिस ने मुकदमा नहीं दर्ज किया है 3 फरवरी 2021 को महिला आयोग के सदस्य के सामने पीड़ित विवाहिता उपस्थित होकर न्याय की फरियाद की महिला आयोग की सदस्य ने एसपी और कोतवाल करारी को महिला के प्रकरण में त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिया लेकिन महिला आयोग सदस्य के निर्देश के डेढ़ महीने बाद भी विवाहिता की तहरीर पर दहेज लोभियों के नाम मुकदमा नहीं दर्ज हो सका रिटायर्ड दरोगा पुत्र के आतंक से विवाहिता प्रताड़ित है विवाहिता से दहेज मांगने के आरोप में रिटायर्ड दरोगा पर अभी तक पुलिस ने मुकदमा नहीं दर्ज किया है पुलिस की धीमी न्याय प्रणाली से तमान पीड़ित लोगों का परिवार बिखर जाता है यह प्रकरण गंभीर चिंतन का विषय है और इस पर आला अधिकारियों को गंभीरता से निर्णय लेने की अब जरूरत है।
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