पुश्तैनी मकान को दबंगों ने असलहों के दम पर ढ़हाया कब्जे की फिराक मे

पुश्तैनी मकान को दबंगों ने असलहों के दम पर ढ़हाया कब्जे की फिराक मे

पुश्तैनी मकान को दबंगों ने असलहों के दम पर ढ़हाया कब्जे की फिराक मे


पी पी एन न्यूज

(कमलेन्द्र सिंह)

फतेहपुर।

 जहां योगी सरकार ने भूमाफियाओं के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है।और इन भूमाफियाओं पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने का दिशानिर्देश भी जारी कर रखा है लेकिन जनपद में आये दिन भूमाफियाओं द्वारा सरकारी तंत्र की मिलीभगत से जबरन जमीन कब्जाने की शिकायते समाचार पत्रों के माध्यम से सुनने व देखने को मिलती रहती है और बेबस पीड़ित चक्कर काटते काटते थक हार कर कोर्ट की शरण में जाता है लेकिन वहां भी उसको न्याय मिलने में वर्षों लग जाते है और ये निश्चित नहीं है कि वहां भी उसको न्याय मिले क्योंकि यही भ्रष्ट सरकारी तंत्र वहां भी अपनी ही रिपोर्ट पेश करते हैं।ऐसा ही एक मामला जनपद में बिंदकी थाना क्षेत्र के अंतर्गत खजुहा चौकी के हनुमान गढी़ मोहल्ले में रहने वाले एक व्यक्ति के पुश्तैनी मकान पर दबंगों ने असलहों के दम पर कब्जा करने की नीयत से जेसीबी लगाकर ढ़हा दिया। वहीं पीड़ित ने उक्त घटना की शिकायत पुलिस से की है लेकिन उसे अभी तक न्याय नहीं मिला है।

जानकारी साझा करते हुए मामला बिंदकी थाना क्षेत्र के हनुमान गढ़ी बागबादशाही खजुहा का है। यहां अपने पुश्तैनी मकान पर रहकर भरण-पोषण के लिए परिवार सहित पंकज पांडेय नोएडा में प्राइवेट नौकरी कर रहे हैं।और अपने पुश्तैनी मकान खजुहा में अक्सर आते जाते रहते हैं। मकान की देखभाल के लिए गांव के ही व्यक्ति को रखें हुए है। बीते २३मई की रात को अजय कुमार, इंद्रपाल, हरिदत्त तिवारी,चमन गुप्ता, सौरभ, सचिन आदि लोग नजायज असलहों और लाठी डंडों के साथ जेसीबी लेकर पहुंचे और मकान को गिराना शुरू कर दिया।

मकान के पूजा घर में रखी हुई बेसकीमती अष्ट धातु की मूर्तियां, सोने चांदी के जेवरात जिनकी कीमत लाखों में है उनको लूट लिया। आसपास पड़ोस के लोग शोर सुनकर जगे और चिल्लाना शुरू किया तो सभी लोग धमकी देते हुए भाग खड़े हुए और ये कहने लगे कि हमने मकान तुम्हारे चाचा और दादी से खरीद लिया है।

पीड़ित पंकज पांडेय ने पी पी एन न्यूज जिला संवाददाता को बताया कि जिन लोगों ने मकान को ढहाया वह कब्जा लेने आए थे।उनका कहना था कि ये मकान हमने खरीद लिया है।जो कि झूठ है क्योंकि ये मकान हमारे हिस्से का है और हमारे चाचा व दादी को हमारे मकान के बेचने का अधिकार नहीं है।

उन लोगों को उनके हिस्से का मकान मिल चुका हैं। यदि उन्होंने बेचा है तो वह सामने आए। पीड़ित ने बताया कि वह बिंदकी कोतवाली भी गए थे लेकिन वहां कोई सुनवाई नहीं हुई उन्होंने मामला राजस्व का बताते हुए टाल दिया।राजस्व विभाग जाते हैं तो वहां भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

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