ऐतिहासिक स्थल कौशाम्बी के श्री लंकाराम बौद्ध विहार का कठिन चीवर पूजा संम्पन्न

ऐतिहासिक स्थल कौशाम्बी के श्री लंकाराम बौद्ध  विहार का कठिन चीवर पूजा संम्पन्न

ऐतिहासिक स्थल कौशाम्बी के श्री लंकाराम बौद्ध  विहार का कठिन चीवर पूजा संम्पन्न


 कौशाम्बी । ऐतिहासिक पर्यटक स्थल कौशाम्बी में स्थिति श्री लंकाराम बौद्ध विहार में कठिन चीवर वार्षिक पूजा कौशाम्बी बौद्ध उपासकों द्वारा किया गया वहां के भन्ते श्री टी.सिरि.विसुद्धि महाथेरो ने बताया कि विहार की स्थापना वर्ष  2006 में हुई तब से यहाँ बौद्ध पर्यटकों का आना जाना  कौशाम्बी में शुरू हुआ मन्दिर बनने के बाद वार्षिक कठिन चीवर पूजा की परंपरा चली आ रही है यहां पर श्री लंका के उपासक बौद्ध भिक्षु यहां पर आकर हर वर्ष पूजा करते थे लेकिन कोविड 19 के चलते वह इस बार नही आ सकते थे तभी मैं यहां के उपासक सुरेश गौतम ,शेलेन्द्र कुमार (बसपा जिला अध्यक्ष),विजय बहादुर मौर्या  से बात की   तभी इन उपासको ने कहा कि यह परम्परा हम लोग आगे बढ़ाएंगे और इनके साथ इनके परिवार के सभी सदस्यों व अन्य उपासको ने पूजा सम्पन्न करवायी आगे श्री टी.सिरि.विसुध्दि महाथेरो ने बुद्ध के बताए मार्गो और बौद्ध धर्मऔर उनके उपदेशो के बारे में बताये और उन्होंने कहा कि हर वर्ष कम्बोडिया बौद्ध विहार से श्री लँकाराम बौद्ध विहार तक शोभा यात्रा के साथ  पूजा सम्पन्न होती है यह परम्परा न टूटे इस लिए यह के सभी बौद्ध विहार के भन्ते व उपासको में हर्षोल्लास के साथ कम्बोडिया भन्ते टेप वोत्थी ,हुन चंदेन सहित पूजा में सम्मलित हुए और बौद्ध उपासकों में  राम नरेश मौर्य मोहन लाल मनराखन सिंह कुसवंत कुशवाहा,दीपक गौतम, दारा गौतम, अजीत गौतम ,अजय कुमार आदि ने  भागीदारी की और आगले वर्ष और सहयोग के साथ पूजा करने की संकल्प किया ।

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