पनचक्की लगाकर खनन माफिया कर रहे बालू का अवैध खनन
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- उत्तर प्रदेश
- Updated: 3 June, 2020 12:31
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प्रकाश प्रभाव न्यूज़
कौशाम्बी। जून 03, 2020
रिपोर्ट- राहुल यादव, नेवादा
पनचक्की लगाकर खनन माफिया कर रहे बालू का अवैध खनन
कौशाम्बी। बालू खनन माफियाओ की इन दिनों शासन में पैठ इतनी है कि प्रशासन को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया है, वह बेखौफ होकर खनन विभाग व पर्यावरण विभाग के सभी नियमों व कानून की सरेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। साफ सुथरी मोटी और अच्छी बालू निकालने के लिए पट्टेधारक भूखंड से हटकर नदी की बीच धारा में नाव में पनचक्की लगाकर खुलेआम खनन कर रहे हैं।
चायल क्षेत्र के रसूलपुर ब्यूर यमुना घाट का बालू खनन का इंद्रसेन मौर्य के नाम पट्टा है। खनन विभाग और पर्यावरण विभाग से जो अनापत्ति प्रमाण पत्र मिला है। उसमे नदी की बीचधारा से बालू खनन नही किया जा सकता है और रात में बालू की निकासी नही की जा सकती है। लेकिन इन माफियाओं का वर्चस्व इतना अधिक है कि वह पट्टा भूखंड से पांच सौ मीटर हटकर सरेआम नदी की बीच धारा से नाव पर पनचक्की लगाकर अवैध खनन कर रहे हैं। इन माफियाओं की प्रशासन में इतनी पैठ है कि अधिकारियों के छापा मारने के पहले ही पनचक्की नाव को यमुना नदी के नरवा में छिपाकर जेसीबी से बालू हटाकर आदमियों से झाड़ू लगवा निशान मिटा दिया जाता है। प्रशासन के घाट पर पहुंचने पर खाली हाथ लौटना पड़ता है। इन घाटों से अंधाधुंध बालू का खनन कर ट्रक, ट्रैक्टर और डंफर से प्रतापगढ़ और प्रयागराज परिवहन किया जाता है।
सूत्रों की मानें तो उक्त पट्टेधारक ने क्षेत्र के दो खनन माफियाओं को अपने साथ मिला लिया है।खनन माफिया पनचक्की से बालू निकालकर पट्टे धारक को भी शेयर देते हैं जिसके एवज में पट्टेधारक अपने घाट का रवन्ना एक खनन माफिया को देता है।उक्त घाट के रवन्ने पर प्रयागराज के सेमरी घाट पर बिक्री होने वाली बालू के साथ बेचा जाता है।
इनका कहना है नदी के बीचधारा से पनचक्की से बालू निकासी गैरकानूनी है। यदि भूखंड क्षेत्र से हटकर अवैध खनन किया जा रहा है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
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