वर्षा ऋतु में प्रंजनन करने वाली कतला, रोहू नैन, करौच, ग्रासकार्प, सिलवरकार्प कामनकार्प आदि व 10 इंच मछलियां पकड़ने पर है रोक : डीएम
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- उत्तर प्रदेश
- Updated: 23 June, 2020 00:07
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Prakash prabhaw news
रिपोर्टर-अभिषेक बाजपेयी
वर्षा ऋतु में प्रंजनन करने वाली कतला, रोहू नैन, करौच, ग्रासकार्प, सिलवरकार्प कामनकार्प आदि व 10 इंच मछलियां पकड़ने पर है रोक : डीएम
रायबरेली। जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना ने वर्षा ऋतु में भारतीय मेजरकाप मछलियां कतला, रोहू नैन, करौंच तथा विदेशी कार्प ग्रासकार्प, सिलवरकार्प व कामनकार्प मछलियां प्रजनन करती है। इन मछलियों के संवर्धन एवं संरक्षण हेतु फिशरीज एकट-1948 के अन्तर्गत नियंत्रण तथा शासनादेश के अन्तर्गत 15 जुलाई से 30 सितम्बर तक मत्स्य जीरा, फ्राई, फिंगरलिंग मत्स्य बीज व 10 इंच तक की मछलियां को पकड़ने नष्ट करने, बेचने तथा मत्स्य प्रजनन अवधि में शासनदेश के अन्तर्गत 15 जून से 30 जुलाई तक तालाबों, झीलों, नालों, नदियों से मछलियों को पकड़ना, बेचना, आयात-निर्यात आदि पर जनपद की सीमान्तर्गत प्रवाहित होने वाली नदियों में प्रतिबन्ध लगाया जाता है।
जिलाधिकारी ने यह निर्देश देते हुए कहा है कि उक्त अवधि में मछली की शिकारमाही विक्री व आयात-निर्यात की चेकिंग हेतु मत्स्य विभाग/पुलिस विभाग/राजस्व विभाग (निरीक्षक स्तर से नीचे नहीं) को अधिकृत किया जाता है। जो भी व्यक्ति मछली का अवैधानिक शिकार/विक्री, आयात-निर्यात करते हुए पकड़ा जाता है उसके विरूद्ध तत्काल नियमानुसार फिशरीज एक्ट 1948 के अन्तर्गत दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।
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