कोविड़-19 के इलाज में गौतमबुद्ध नगर अव्वल, 102 पॉजिटिव मरीजों में 43.13 प्रतिशत मरीज ठीक, कोई मौत नहीं, इलाज दर शत प्रतिशत

कोविड़-19 के इलाज में गौतमबुद्ध नगर अव्वल, 102 पॉजिटिव मरीजों में 43.13 प्रतिशत मरीज ठीक, कोई मौत नहीं, इलाज दर शत प्रतिशत

Prakash prabhaw news

रिपोर्टर-विक्रम

कोविड़-19 के इलाज में गौतमबुद्ध नगर अव्वल, 102 पॉजिटिव मरीजों में 43.13 प्रतिशत मरीज ठीक, कोई मौत नहीं, इलाज दर शत प्रतिशत

देश में कोरोना वायरस का पहला हॉटस्पॉट राजस्थान का भीलवाड़ा शहर था। लेकिन, वहां जिस तरह से इस जानलेवा वायरस के प्रसार और संक्रमण को रोका गया, उसकी तारीफ पूरी दुनिया में हुई। भारत के भी कई राज्य भीलवाड़ा के मॉडल को अपनाने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। वहीं, गौतमबुद्ध नगर लाइन ऑफ ट्रीटमेंट के मामले में देश में अब तक अव्वल है। यहां 102 संक्रमित लोगों में 44 ठीक होकर घर जा चुके हैं। शेष 58 का इलाज चल रहा है, लेकिन उनमें भी कोई गंभीर नहीं है और सभी के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। 

कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या के मामले में आगरा यूपी में अव्वल है। वहां 306 लोग पॉजिटिव हैं। जबकि दूसरे नंबर पर राजधानी लखनऊ है। वहां संक्रमित मरीजों की संख्या 169 पहुंच गई है। तीसरे नंबर पर गौतमबुद्ध नगर है। यूपी के शो-विंडो में पॉजिटिव मरीजों की संख्या 102 तक पहुंच गई है। कोरोना को हराकर स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या में गौतमबुद्ध नगर पूरे प्रदेश में अव्वल है। यहां 102 संक्रमित लोगों में 44 ठीक होकर घर जा चुके हैं। मरीजों के लिहाज से अब तक जिले से 43.13 प्रतिशत मरीजों को ठीक किया जा सका है। वहीं, इलाज दर शत प्रतिशत है।

गौतमबुद्ध नगर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लाइन ऑफ ट्रीटमेंट की चर्चा प्रदेश ही नहीं, देश में भी हो रही है। यहां इस वायरस से अब तक किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है। डीएम सुहास एलवाई ने बताया अब तक एक भी मरीज की मौत बीमारी से नहीं हुई है। दो जटिल मरीजों का इलाज भी चल रहा है जिन्हें कोरोना संक्रमण के साथ पहले से ही गंभीर बीमारी है। जिले में अब तक 44 मरीज का इलाज किया जा चुका है, जो प्रदेश के कुल मरीजों का 27 प्रतिशत है। प्रदेशभर में मंगलवार शाम तक कुल 1337 मरीजों में से 162 मरीज ठीक होकर घर जा चुके थे। नोएडा और उत्तर प्रदेश में इलाज में अब तक इलाज के प्रतिशत में भारी अंतर है। प्रदेशभर में 21 अप्रैल तक ठीक वाले 12 प्रतिशत हैं। जो नोएडा और ग्रेटर नोएडा के लिहाज से काफी कम है।

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