घूस का व्यापार
- Posted By: Abhishek Bajpai
- उत्तर प्रदेश
- Updated: 4 February, 2021 04:12
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PRAKASH PRABHAW NEWS
रिपोर्ट-अभिषेक बाजपेयी
घूस का व्यापार
रायबरेली-नौकरी न चाकरी सबसे बड़ा है घुस का व्यापार यदि कर्मचारी सीख जाए घूस का हुनर तो वेतन के नही होते कोई मायने बस घूस की रकम से ही रकम ही घर खर्च व ऐशो आराम के लिए काफी है एक ऐसा ही ट्रेंड जनपद रायबरेली में इन दिनों खूब देखने को मिल रहा है।
दरअसल रायबरेली जिले में घूसखोरी इस तहर से कर्मचारियों के मन मे घर कर गई है कि उन्हें अब भी योगी सरकार से डर नही लगता हाल ही में जहां लालगंज सीएचसी से घूसखोरी की खबर सामने आई थी और बीजेपी नेता के हंगामे के बाद रुपये वापस किये गए थे वैसा ही मामला फिर महराजगंज सीएचसी से सामने आ रहा है जिसमे टाका लगाने के नाम पर महिला से 400 रुपये की धन उगाही की गई यह मामला जैसे ही भाजपा मंडल अध्यक्ष के पास पहुचा तो वह सीएचसी पहुच कर हंगामा शुरू कर दिए जिसके पास सीएचसी अधीक्षक ने कर्मचारी को डाटा और उसके द्वारा लिए गए पैसे को वापस करवाया यह ओरी घटना क्रम कैमरे में कैद हो गई।
वही इस पूरे मामले में जब सीएचसी अधीक्षक से बात की गई तो वह पहके मामले को घुमाने की कोशिश में लग गए और बाद में कहा कि मेरे संज्ञान में आया है कि पीड़िता से 400 रुपये लिए गए है जिसमे कर्मचारी को डाटा गया है और उससे रुपये वापस करवा दिए गए है।
सरकार चाहे जिसकी हो और चाहे कोई भी हो ब्यूरोक्रेट घूस खोरी को आखिर कौन कर पायेगा बंद सवाल यह उठता है कि आखिर इसका चलन शुरू हुआ तो कैसे जब यू ही घूस का खेल चलता रहेगा तो सही गलत के बीच का अंतर कैसे आएगा सामने और इंसान को कैसे मिलेगा न्याय ऐसे में घूसखोरी के खेल को बंद करने का सरकार को खोजना पड़ेगा कोई नया तरीका।

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