यूपी की आबादी का एक प्रतिशत लोग भी अगर रक्तदान करें तो प्रदेश में रक्त की आवश्यकता को पूरा किया जा सकता है - राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

यूपी की आबादी का एक प्रतिशत लोग भी अगर रक्तदान करें तो प्रदेश में रक्त की आवश्यकता को पूरा किया जा सकता है - राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

PPN NEWS

लखनऊ 

रिपोर्ट, आसिम नूरी। 

यूपी की आबादी का एक प्रतिशत लोग भी अगर रक्तदान करें तो प्रदेश में रक्त की आवश्यकता को पूरा किया जा सकता है - राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

उत्तर प्रदेश (uttar pradesh) की राज्यपाल (Governor) आनंदीबेन पटेल ने शुक्रवार को किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) , लखनऊ के ब्राउन हाल में राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान (blood donation) दिवस के अवसर पर आयोजित रक्तदान शिविर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस की बधाई देते हुए कहा कि यह दिवस हम सभी को अधिक से अधिक स्वैच्छिक रक्तदान की प्रेरणा देता है।

उन्होंने ‘‘रक्तदान को सम्मान कार्यक्रम’’ के अन्तर्गत उपस्थित स्वैच्छिक रक्तदान करने वाली समस्त संस्थाओं, स्वैच्छिक रक्तदाताओं, प्लाज्मादाताओं तथा उत्प्रेरकों को धन्यवाद दिया, जिन्होंने रक्तदान एवं प्लाज्मा दान कर रोगियों की जान बचाने में सहयोग किया।

राज्यपाल  ने कहा कि आज समय की आवश्यकता है कि समस्त कालेज अपने छात्रों को रक्तदान के साथ-साथ अंगदान के लिए भी प्रेरित करें। इसके लिए हमें प्रयास करने होंगे, बदलाव धीरे-धीरे होता है। चिकित्सकों का कर्तव्य है कि वे मरीज को अच्छी चिकित्सा सुविधा दें। उन्होंने कहा कि जब प्रतिष्ठित बड़ी हस्तियां, समाज सेवी संस्थायें, बड़े अधिकारी आदि रक्तदान करते हैं तो सन्देश दूर तक जाता है और लोग प्रेरित भी होते हैं। इसलिये इस सच्ची सेवा एवं महादान के लिए हमें आगे आना चाहिए तथा अधिक से अधिक कैम्प लगाकर इस महादान के प्रति जागरूकता पैदा करनी चाहिये।

राज्यपाल  ने कहा कि उत्तर प्रदेश की आबादी का एक प्रतिशत लोग भी अगर रक्तदान करें तो प्रदेश में रक्त की आवश्यकता को पूरा किया जा सकता है। लेकिन कुछ भ्रांतियों के कारण व जागरूकता के अभाव में लोग रक्तदान करने से बचते हैं। इसलिये रक्तदान के प्रति जागरूकता अत्यंत जरूरी है। उन्होंने कहा कि किसी भी दशा में देश में किसी की मृत्यु रक्त की कमी से न हो। इसके लिये स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने के साथ-साथ हमें इस कार्य को निःस्वार्थ भाव से करना होगा।

राज्यपाल जी ने के.जी.एम.यू. के ट्रांसफ्यूज मेडिसिन विभाग द्वारा कोरोना काल के दौरान रक्तदान और प्लाज्मादान से मरीजो की जान बचाने की सराहना की और कहा कि ये गर्व की बात है कि ये विभाग देश का सबसे बड़ा रक्त बैंक है और किसी की जिन्दगी बचाने के लिये किया गया ये दान सबसे महान दान है। इस अवसर पर राज्यपाल जी ने रक्तदान शिविरों का आयोजन करने वाली संस्थाओं को सम्मानित किया तथा एक स्मारिका का विमोचन भी किया।

के.जी.एम.यू. के कुलपति डा0 विपिन पुरी ने बताया कि रक्तदान दिवस का शुभारम्भ 1 अक्टूबर 1975 को हुआ था। उन्होंने कहा कि रक्तदान करना दिल की सेहत को सुधार सकता है और दिल की बीमारियों और स्ट्रोक के खतरे को कम करता है। डा0 पुरी ने बताया कि रक्तदान करने के बाद लगभग 10 मिनट आराम से लेटे रहना जरूरी होता है। रक्तदान 18 से 60 वर्ष तक की उम्र का स्वस्थ व्यक्ति कर सकता है इससे किसी प्रकार की कोई कमजोरी नहीं आती है।

इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, विधि एवं न्याय मंत्री डा0 ब्रजेश पाठक, चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार सहित सम्मानित होने वाले विभिन्न स्वयं सेवी संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे।

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