भाषा और शब्दानुशासन सफलता का सोपान
- Posted By: Dinesh Kumar
- उत्तर प्रदेश
- Updated: 24 September, 2022 09:39
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PPN NEWS
रिपोर्ट - दिनेश कुमार (जिला संवाददाता)
भाषा और शब्दानुशासन सफलता का सोपान
कौशाम्बी। हिन्दी पखवाड़ा के अन्तर्गत अझुवा के धर्मा देवी इण्टरमीडिएट कॉलेज मे उच्चारण और लेखन मे अशुद्धियाँ दूर करने के उपाय विषयक एक दिवसीय कर्मशाला का आयोजन हुआ। मुख्य अतिथि आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय, विशिष्ट अतिथि रणविजय निषाद, संस्थापक राम अवतार त्रिपाठी, प्रधानाचार्य डॉ० रामकिरण त्रिपाठी ने संयुक्त रूप में, माँ सरस्वती की प्रतिमा पर दीप-प्रज्वलन एवं पुष्प अर्पित कर हिन्दी भाषा कर्मशाला का विधिवत् शुभारम्भ किया। इसके बाद विद्यालय की छात्रा रिया जैश, अल्पा मिश्र, खुशबू देवी, सपना, शिखा पाल, शीलू, मनीषा तथा आँचल यादव ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया, तदनन्तर तनूजा गौतम, सविता, आँचल, इसिता केसरवानी तथा किमराय ने सुमधुरस्वर में स्वागत गीत गा कर सब का मन मोह लिया। इसके बाद विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ० रामकिरण त्रिपाठी ने आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय तथा शिक्षक एवं लेखक रणविजय निषाद का बैज़-अलंकरण, अंगवस्त्र, माल्यार्पण एवं प्रतीक चिह्न भेंट कर समलंकृत किया। तत्पश्चात शिक्षक एवं लेखक रणविजय निषाद ने मुख्यअतिथि का परिचय एवं भाषा-शुद्धता के महत्त्व तथा वर्ण (स्वर-- अ, आ, इ,----; तथा व्यञ्जन-- क्, ख् , ग् ---- आदि) और अक्षर ( क् + अ = क; ख् + अ = ख आदि) में भेद पर प्रकाश डाला।
कार्मशाला में लब्धप्रतिष्ठ, भाषाविज्ञानी एवं समीक्षक डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ने भाषा के संवर्द्धन, शुद्धाशुद्ध शब्द-प्रयोग, व्याकरण आदि पर विस्तृत चर्चा-परिचर्चा कर आवास, निवास, प्रवास, अप्रवास, हूं और हूँ, मुस्कान और मुसकान, शिरोरेखा-व्यंजन-- थ, ध, भ और श, परीक्षा और परिक्षा, मिष्ठान और मिष्टान्न, मेरी सोच और मेरा सोच, मेरी क़लम और मेरा क़लम जैसे शब्द के शुद्ध प्रयोग पर चर्चा परिचर्चा किया।
कार्यक्रम के अन्त में विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ० रामकिरण त्रिपाठी ने आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन रामशंकर सिंह ने किया। अन्त में सामूहिक राष्ट्रगान गा कर कर्मशाला को विराम दिया गया। कर्मशाला में शिक्षक आदित्य द्विवेदी, वरुणप्रकाश जोशी, शंकर लाल, राजेश कुमार, रामभवन तथा शैलेंद्र कुमार गुप्त सहित शतादिक छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहीं।
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