आला अधिकारी को गुमराह करने से नहीं बाज आ रहे है डीपीआरओ

आला अधिकारी को गुमराह करने से नहीं बाज आ रहे है डीपीआरओ

प्रकाश प्रभाव न्यूज कौशाम्बी


जून 18/06/2920


आला अधिकारी को गुमराह करने से नहीं बाज आ रहे है डीपीआरओ


कौशाम्बी ग्राम पंचायतों के विकास की अहम कड़ी माने जाने वाले जिला पंचायत राज अधिकारी का कारनामा सवालों के घेरे में है ग्राम पंचायतों में भेजी जाने वाली सरकारी रकम में जमकर लूट हो रही है और रोज शिकायत होने के बाद आरोपियों पर ठोस कार्यवाही होती नहीं दिख रही है लेकिन आला अधिकारियों को गुमराह कर डीपीआरओ अपने मकसद पर सफल होते दिख रहे हैं लेकिन डीपीआरओ अपने इस कारनामे से सूबे की सरकार के साथ-साथ प्रशासन की छवि पर भी दाग लगा रहे हैं लेकिन आला अधिकारी इनके चापलूसी को नहीं समझ पा रहे हैं जिससे यह आला अधिकारियों की नजरों में ठीक बने हुए हैं इनके इस तरह के तमाम मामलों में सरसवां विकासखंड के गोराजू गांव के मजदूरों और राजगीरों के मजदूरी की रकम डकार जाने के मामले की जांच का उदाहरण इनके द्वारा आला अधिकारियों को गुमराह किए जाने का उदाहरण पर्याप्त है 


सरसवां बिकास खण्ड के ग्राम पंचायत गोराजु में मॉडल स्कूल और नाली खड़ंजा का निर्माण जिन मजदूरों और राजगीरों से ग्राम पंचायत द्वारा कराया गया है कई महीने बीत जाने के बाद उन मजदूरों और राजगीरों की मजदूरी की रकम उन्हें नहीं दी गई है जबकि ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी ने मजदूरों की मजदूरी का भुगतान सरकारी खजाने से निकाल लिया है कोरोना वायरस की महामारी के बाद घोषित लॉक डाउन के चलते मजदूर और राजगीर बेरोजगार हो गए और दाने दाने को मोहताज है लेकिन तमाम प्रयास के बाद आठ महीने बीत गए और मजदूरों को उनकी मेहनत की मजदूरी नही मिल सका मजदूरों के हक की रकम हड़पने वालो पर अभी जांच नही पूरी हो सकी सवाल उठता है कि जब मजदूर भूखों मर जायेंगे तब उन्हें उनकी मजदूरी दिलाने का क्या लाभ रह जायेगा


इस मामले की शिकायत मजदूरों ने डीएम और सीडीओ से की जिस पर सीडीओ ने डीपीआरओ को मामले की जांच कर आख्या देने को कहा लेकिन डीपीआरओ टस से मस नहीं हुए फिर मजदूर सीडीओ कार्यालय पहुंचे और मजदूरी दिलाए जाने की मांग सीडीओ से की जिस पर सीडीओ ने डीपीआरओ के साथ मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी की संयुक्त जांच टीम गठित कर दी गुरुवार को डीपीआरओ गोराजू गांव पहुंचे तो और वहां पर प्रधान और उनके समर्थकों से मिलकर मजदूरों के भुगतान की जांच पूरी कर ली लेकिन जिन मजदूरों और राजगीरों की मजदूरी का भुगतान प्रधान और सेक्रेटरी नहीं कर रहे हैं उन मजदूरों और राजगीरों से डीपीआरओ ने बात करना उचित नहीं समझा


यहां सीडीओ कार्यालय को सूचित कर दिया कि वह मजदूरों के बकाए मजदूरी की जांच पूरी कर चुके हैं गांव में जांच करते हुए फोटो भी सीडीओ कार्यालय को डीपीआरओ द्वारा भेजी गई है डीपीआरओ के इस कारनामे से मजदूरों और राजगीरों को उनकी मजदूरी कहां से मिलेगा यह बड़ा सवाल है वही जांच के समय मजदूरों और राजगीरों को मौके पर ना बुलाना और अधिकारियों को झूठे तरह से यह सूचित कर देना कि वह मजदूरों के बकाए भुगतान की जांच करने गांव गए थे उनके इस द्विभाषी अर्थ के चलते जहां पीड़ितों को न्याय नहीं मिल रहा है और सरकारी खजाना लूटा जा रहा है वहीं अधिकारी दिग्भ्रमित भी हो रहे हैं जो व्यवस्था पर बड़ा सवाल है और डीपीआरओ के इस तरह के तमाम कारनामों पर शासन प्रशासन ने गंभीरता दिखाई तो डीपीआरओ को भी दण्ड मिल सकता है


रिपोर्ट अनिल कुमार प्रकाश प्रभाव बारा कौशाम्बी

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