प्रदेश सरकार की 69000 शिक्षकों की भर्ती में लापरवाही से हजारों युवाओं के सपनों पर लगा ग्रहण, महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर जताया एतराज

प्रदेश सरकार की 69000 शिक्षकों की भर्ती में लापरवाही से हजारों युवाओं के सपनों पर लगा ग्रहण, महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर जताया एतराज

प्रकाश प्रभाव न्यूज

लखनऊ

रिपोर्ट - सुरेन्द्र शुक्ल

प्रदेश सरकार की 69000 शिक्षकों की भर्ती में लापरवाही से हजारों युवाओं के सपनों पर लगा ग्रहण, महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर जताया एतराज


अनियमितता, धांधली और नकल के चलते कई योग्य उम्मीदवार कट-आफ से बाहर: वीरेन्द्र चैाधरी

आरक्षित वर्ग के कोटे की हकमारी कर रही है प्रदेश सरकार: वीरेन्द्र चैाधरी

लखनऊ, 3 जून 2020। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में भर्तियों के नाम पर प्रदेश के युवाओं के साथ लगातार धोखा हुआ है। प्रदेश सरकार द्वारा एक भी भर्ती न्यायोचित ढंग से नहीं हो पाई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर हफ्ते लाखों रोजगार देने की बात करते हैं जबकि हकीकत में युवाओं के बीच बेरोजगारी में उ0प्र0 पहले पायदान पर पहुंच गया है। मुख्यमंत्री की रोजगार सम्बन्धी घोषणाएं सिर्फ जुमला साबित हुई हैं।  

उ0प्र0 परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 69000 शिक्षकों की भर्ती में भारी गड़बड़ी सामने आयी है। भर्ती से सम्बन्धित अधिकारियों के सामने योगी प्रशासन पूरी तरह से पंगु साबित हुआ है। भर्तियों में अनियमितता के चलते हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जारी काउंसलिंग को स्थगित कर दिया है।

69,000 शिक्षक भर्ती मामले में अनियमितता आने पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी जी ने कड़ा ऐतराज जताते हुए ट्वीट किया है, ‘‘एक बार फिर से उत्तर प्रदेश के युवाओं के सपनों पर ग्रहण लग गया। यूपी की सरकार की अव्यवस्था के चलते तमाम भर्तियां कोर्ट में अटकी हैं।

पेपर लीक, कटऑफ विवाद, फर्जी मूल्यांकन और गलत उत्तरकुंजी- यूपी सरकार की व्यवस्था की इन सारी कमियों के चलते 69000 शिक्षक भर्ती का मामला लटका हुआ है। सरकार की लापरवाही की सबसे ज्यादा मार युवाओं पर पड़ रही है।’’

प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष  वीरेन्द्र चैाधरी जी ने कहा कि गतिमान 69000 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में तमाम अनियमितताएं हुई। परीक्षा के दौरान पेपर लीक प्रकरण मीडिया में छाया रहा। नकल के मामलों में कई गिरफ्तारियां हुई, एसटीएफ गठित हुई जांच हुई। 

उन्होने कहा कि परीक्षा परिणाम में तमाम विसंगतियां दिख रही है। एक ही परिवार अथवा एक ही सेंटर के बच्चों के सामान्य अभ्यर्थियों से समान अंक तथा टीईटी परीक्षा को किसी तरह से पास करने वाले अभ्यर्थियों का भर्ती परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त करना संदेह के घेरे में हैं। उन्होने कहा कि सरकार को पारदर्शिता के साथ भर्ती करनी चाहिए, धांधली व नकल करके पास हुए अभ्यर्थियों को चयन  प्रक्रिया से बाहर करते हुए योग्य अभ्यर्थियों का ही चयन करना चाहिए।

 चैाधरी ने कहा कि परिषदीय शिक्षक भर्ती में अनियमितता का आलम यह है कि 69000 वेकेन्सी में शुरू के 50000 रैंक तक का चयन सामान्य वर्ग में हुआ है। जबकि आरक्षित वर्ग के लिए 50 प्रतिशत 34हजार 5 सौ सीटें सुरक्षित होनी चाहिए थीं।

सरकार द्वारा प्रकाशित कट-आफ में 64 प्रतिशत अंक में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी का चयन हो जा रहा है लेकिन 66.64 प्रतिशत अंक पाने वाले ओबीसी अभ्यर्थी का चयन नहीं हुआ है। प्रदेश सरकार आरक्षित वर्गों के कोटे की हकमारी कर रही है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

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