प्रदेश में भूमि की वरासत दर्ज करने हेतु चलाये गये अभियान के अन्तर्गत अबतक 7.76 लाख वारिसान की वरासत घ

प्रदेश में भूमि की वरासत दर्ज करने हेतु चलाये गये अभियान के अन्तर्गत अबतक 7.76 लाख वारिसान की वरासत घ

प्रतापगढ 


23.02.2021


रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी 



प्रदेश में भूमि की वरासत दर्ज करने हेतु चलाये गये अभियान के अन्तर्गत अबतक 7.76 लाख वारिसान की वरासत दर्ज



प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देश पर राजस्व विभाग द्वारा 15 दिसम्बर, 2020 से 28 फरवरी,2021 तक अविवादित भूमि के विधिक उत्तराधिकारियों के नाम वरासत दर्ज करने के लिए विशेष अभियान चलाया गया हैं। प्रदेश सरकार ने पाया कि तहसीलों पर आयोजित हो रहे समाधान दिवसों व अन्य तरह से वरासत के मामले आ रहे है। इससे प्राप्त आवेदनों की संख्या को दृष्टिगत रखते हुए किसान की जमीन, किसान का अधिकार, सबको मिले अपना उत्तराधिकार का नारा देते हुए मुख्यमंत्री जी ने पूरे प्रदेश के राजस्व ग्रामों में यह अभियान चलाया है। इस वरासत अभियान के तहत गॉवों में उत्तराधिकार को लेकर जमीनों के विवाद खत्म हो रहें है। इस अभियान के तहत लोगों को वरासत दर्ज कराने के लिए ऑनलाइन व आफलाइन दोनों तरह की सुविधायें प्रदान की गई है। सरकार ने यह अभियान चलाकर लोगों को बड़ी राहत दी है। चलाये गये इस अभियान के अन्तर्गत प्रदेश में अबतक ऑनलाइन प्राप्त 8,08,624 आवेदन पत्रों में 7,75,877 आवेदन पत्र निस्तारित किये गये है।

     प्रदेश में राजस्व संहिता के अन्तर्गत किसान की मृत्यु होने पर आश्रितों को वरासत के लिए प्रमाण सहित राजस्व संहिता की धारा 33(1) के अन्तर्गत आर0 सी0 प्रपत्र 9 पर ऑनलाइन/आफलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन पत्र सम्बंन्धित क्षेत्र के लेखपाल के पास जाता है जिसे लेकर वह सम्बन्धित गॉव में जाकर स्थलीय सत्यापन करते है। वरासत के अविवादित विधिक उत्तराधिकारी को राजस्व विभाग द्वारा वरासत दर्ज कर किसानों को बड़ी राहत दी जा रही है। सरकार द्वारा चलाये गये इस अभियान से परिवारों व ग्रामों में विवाद खत्म हो रहे है। जब वास्तविक विधिक उत्तराधिकारी के नाम वरासत दर्ज हो जाती है तो गॉवों व खेत के पडोसियों से  चल रहे विवाद खत्म हो जाते है। प्रदेश सरकार द्वारा चलाये गये इस अभियान से समाज में सौंहार्द भी बन रहा है और लोग आपसी भाई चारे के साथ रह रहे है।

     प्रदेश सरकार द्वारा चलाये गये इस अभियान के अन्तर्गत प्रदेश के मण्डलों एवं जिले के अधिकारियों द्वारा निरन्तर अनुश्रवण किया जा रहा है। प्रदेश में वरासत के प्राप्त आवेदनों को ससमय निस्तारण किया जा रहा है। सरकार की मंशा है कि प्रदेश के कोई भी व्यक्ति जो विधिक उत्तराधिकारी है, उसे उसके उत्तराधिकारी से वंचित न होना पडे़, उसकी वरासत अनिवार्य रूप से दर्ज की जाए। सरकार द्वारा चलाये गये इस अभियान से किसानों को भाग-दौड़ नही करना पड़ रहा है, उसकी वरासत आसानी से दर्ज हो रही हैं। सरकार के इस अभियान की गॉवों के किसानों ़द्वारा प्रशंसा की जा रही है।

Comments

Leave A Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *