पोल्ट्री इकाईयों की स्थापना पोल्ट्री उत्पाद विपणन,पोल्ट्री ड्रेसिंग यूनिट आदि कार्य करने वाली समितियो को दी जायेगी आर्थिक सहायता--मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी

पोल्ट्री इकाईयों की स्थापना पोल्ट्री उत्पाद विपणन,पोल्ट्री ड्रेसिंग यूनिट आदि कार्य करने वाली समितियो को दी जायेगी आर्थिक सहायता--मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी

प्रतापगढ


04.10.2020


रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी



पोल्ट्री इकाईयों की स्थापना, पोल्ट्री उत्पाद विपणन, पोल्ट्री ड्रेसिंग यूनिट आदि कार्य करने वाली समितियों को दी जायेगी आर्थिक सहायता-मुख्य पशु चिकित्साधिकारी



मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने अवगत कराया है कि प्रदेश में पोल्ट्री फार्मिक एवं बत्तख फार्मिंग को प्रोत्साहित करने हेतु निगम द्वारा सहकारी क्षेत्र की संस्थाओं को व्यवसाय करने हेतु प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये है। राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम एक वित्तीय विकासात्मक संस्था है निगम द्वारा कृषि सहकारिता की केन्द्रीय क्षेत्रक एकीकृत योजना के अन्तर्गत समितियों को उत्पादन, प्रसंस्करण, भण्डारण, विपणन आदि से सम्बन्धित पोल्ट्री इकाईयों की स्थापना, इनक्यूवेटर, हैचर्स एवं सहायक उपकरण, पोल्ट्री उत्पाद विपणन हेतु सहायता एवं पोल्ट्री ड्रेसिंग यूनिट आदि कार्य-कलापों हेतु आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। निगम द्वारा उपलब्ध करायी जाने वाली उक्त सहायता पर भारत सरकार की ओर से, उत्तर प्रदेश राज्य को अल्प विकसित राज्य की श्रेणी में वर्गीकृत किये जाने के फलस्वरूप 20 प्रतिशत अनुदान अनुमन्य किया गया है। निगम की सीधे वित्त पोषण योजनान्तर्गत वर्तमान वार्षिक ब्याज दर परियोजना लागत रूपये 50 लाख तक 9.85 प्रतिशत एवं रूपये 50 लाख से अधिक परियोजना लागत पर ब्याद दर 10.20 प्रतिशत है। राज्य सरकार के माध्यम से उपलब्ध करायी जाने वाली आर्थिक सहायता ब्याज दर 9.55 प्रतिशत है। 20 प्रतिशत अनुदान प्राप्त होने पर प्रभावी ब्याज दर लगभग 3-4 प्रतिशत आती है जो काफी कम है। इसके अतिरिक्त निगम द्वारा सहकारी क्षेत्र की संस्थाओं को व्यवसाय करने हेतु कार्यशील पूंजी की वित्तीय सहायता भी उपलब्ध करायी जाती है जिसकी वर्तमान ब्याद दरें भी अन्य वित्तीय संस्थाओं की तुलना में कम है। निगम से सीधे पोषण प्राप्त करने हेतु मापदण्ड/औपचारिकतायें पूर्ण करने हेतु मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया है वित्त पोषण सहायता लेने वाली समिति कम से कम 03 वर्षो से कार्य कर रही हो, समिति के पास सकारात्मक नेटवर्थ होनी चाहियें, समिति की अंशूपूंजी में ह्रास नहीं हो, गत 03 वर्षो से समिति को कोई कैश घाटा नहीं हुआ हो, समिति के पास ऋण के सापेक्ष बंधक रखने हेतु एमडीआर/बैंक गारण्टी/राज्य सरकार की गारण्टी/सम्पत्ति होनी चाहिये। वित्तीय सहायता प्राप्त करने हेतु समिति के संचालक मण्डल का प्रस्ताव होना चाहिये। निगत तीन वर्षो क ेलेखों का सहकारी/सीए से आडिट होना चाहिये, समिति के निबन्धक एवं बाईलाज की छायाप्रति तथा समिति के संचालक मण्डल के सदस्यों की सूची आवश्यक है। प्रस्ताव प्रेषित करने हेतु प्रारूप निगम की वेबसाइट डब्लूडब्लूडब्लू डाट एनसीडीसी डाट इन से डाउनलोड किये जा सकते है, प्रस्ताव भरकर सहकारी समितियों/संस्थाओं द्यारा सीधे वित्त प्रेषित योजनान्तर्गत अथवा राज्य सरकार की गारण्टी के माध्यम से निगम को प्रेषित किये जा सकते है। अधिकारी जानकारी के लिये मुख्य पशु चिकित्साधिकारी कार्यालय से सम्पर्क कर सकते है।

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