प्रतापगढ
12.02.2022
रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी
पट्टी विधानसभा चुनाव में टक्कर बिल्कुल आमने-सामने
प्रतापगढ जनपद के पट्टी विधानसभा क्षेत्र में मतदान का समय कुछ ही दिन शेष बचा है लेकिन टक्कर बिल्कुल सीधी है और हर बिसात बिछाई जा रही है। जहां उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री ने पूरी ताकत चुनाव में झोंक दिया है, वहीं समाजवादी पार्टी और पूर्व विधायक राम सिंह पटेल लगातार मतदाताओं को अपने पाले में करने के लिए साम दाम दंड भेद की चाल चल रहे हैं।
समाजवादी पार्टी के साथ कुर्मी, यादव, मुस्लिम के अलावा ब्राम्हण तथा कुछ अन्य बिरादरी का भी वोट सपा को मिल रहा है, वहीं भारतीय जनता पार्टी से नाराज चल रहे ब्रह्मणों और अन्य बिरादरी के लोगों को मनाने की कवायद की जा रही है। कैबिनेट मंत्री मोती सिंह के साथ जुड़ रहे लोगों की मानसिकता भांपना बहुत ही कठिन कार्य है। इस दौरान, यादव, मुस्लिम और कुर्मी बिरादरी पूरी तरह से पट्टी में परिवर्तन चाह रही है, अंदर ही अंदर समाजवादी पार्टी को जो समर्थन मिल रहा है उसे समाजवादी पार्टी प्रत्याशी पदाधिकारी भी अपनी गोट बिछा रहे हैं कि चुनाव इसी तरह से जीता जा सकता है।
बसपा की बात करें तो परंपरागत वोटों में समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी दोनों दलों ने अच्छी खासी सेंधमारी कर लिया है। कुछ प्रतिशत ब्राह्मण बसपा के साथ जुड़ रहा है जो भाजपा के लिए नुकसान दे साबित हो सकता है। सपा और बसपा दोनों वर्तमान कैबिनेट मंत्री और भाजपा सरकार द्वारा किए गए क्रियाकलापों को मुद्दा बनाकर मैदान में ताल ठोक रहे हैं।
बसपा के पास जनाधार नहीं है सिर्फ मूल वोटर और ब्राह्मणों को अपने पाले में करने के लिए हर कोशिश की जा रही है। अब देखना यह है कि पट्टी विधानसभा क्षेत्र में मतदाता किसे अपना जनप्रतिनिधि चुनती है। यह मतदान के दिन से लेकर मतगणना के दिन तक साफ हो जाएगा।
रोजगार, शिक्षा, बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य जैसे मूलभूत सुविधाओं की बात नहीं हो रही है हकीकत तो यह है कि उत्तर प्रदेश का विधान सभा चुनाव जातिवाद का चुनाव हो गया है। सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर जातिवाद की जिस तरह से बू आ रही है यह किसी दिन विकराल रूप लेकर बड़ा बवाल मचा सकता है।
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