इलाज के लिए आए व्यक्ति का शव निजी अस्पताल के गेट पर मिला, लापरवाही पर एफआईआर, जांच के लिए उच्च स्तरीय टीम गठित

Prakash prabhaw news
रिपोर्टर-विक्रम
इलाज के लिए आए व्यक्ति का शव निजी अस्पताल के गेट पर मिला, लापरवाही पर एफआईआर, जांच के लिए उच्च स्तरीय टीम गठित
कोरोना संकट के बीच एक शर्मसार करने वाली घटना उजागर हुई। सेक्टर-33 स्थित दीपाक्षी अस्पताल के गेट पर सोमवार की रात एक व्यक्ति का शव मिला। प्रशासन ने इसे अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही मानते हुए उस पर एफआईआर दर्ज कराई है। प्रथमदृष्ट्या अस्पताल प्रबंधकों की इस लापरवाही से हड़कंप मचा हुआ है।
नोएडा के सेक्टर-33 स्थित इसी दीपाक्षी अस्पताल के गेट पर अज्ञात व्यक्ति का शव मिला था। उसकी पहचान बिहार के सहरसा जिले के देवानंद भगत उर्फ देवेंद्र भगत उर्फ देवा भगत पुत्र लाल मोहर भगत के रूप में हई है। उसकी उम्र लगभग 35 वर्ष थी। वह गार्ड की वर्दी पहने हुए था। शव को आवश्यक कार्रवाई के लिए जेआईएमएस भेजा गया। इस संबंध में सीएमओ दीपक ओहरी के आदेश पर बिसरख के सीएचसी प्रभारी डॉ. सचेन्द्र मिश्र ने दीपाक्षी अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ की लापरवाही का मामला थाना सेक्टर 24 में दर्ज कराया है। डीएम ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी बनाई गई है जिसमे जिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वंदना शर्मा, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी वीबी ढाका और अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अमित को शामिल किया गया है। कमेटी को अतिशीघ्र रिपोर्ट देने को कहा गया है। जांच में व्यक्ति की मौत के लिए अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही पाए जाने पर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आरोप है कि दीपाक्षी अस्पताल में सोमवार की शाम एक व्यक्ति इलाज कराने गया था। वह सिक्योरिटी गार्ड की वर्दी में था। अस्पताल में इलाज के दौरान उक्त व्यक्ति की मौत हो गई। अस्पताल प्रबंधकों ने मानवता को शर्मसार करते हुए शव को अस्पताल के गेट के बाहर रख दिया था। जब इसकी सूचना जिलाधिकारी सुहास एलवाई को मिली तो उन्होंने गौतमबुद्ध नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) दीपक ओहरी को मामले की जांच के लिए भेजा। सीएमओ और बिसरख सीएचसी के प्रभारी डॉ. सचेंद्र मिश्र ने मौके पर पहुंचकर घटना की जांच की। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का पता चलेगा।
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