नहरों तक नहीं पहुँचा पानी कैसे होगी गेहूँ की फसल की सिंचाई
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पी पी एन न्यूज़
(कमलेन्द्र सिंह)
 खखरेरू/ फतेहपुर
गेहूँ की बुवाई का समय निकलने के बावजूद भी विभागीय उदाशीनता के चलते आज तक क्षेत्रीय नहरों में पानी नहीं पहुँच सका।
जिससे बहुत से किसान तो वैसे भी गेहूँ की फसल की बुवाई नहीं कर पाए।
जिन किसानों ने गेहूँ की बुवाई भी कर दी है। वो अब इस सोंच में डूबे हैं। कि फसल तो बो दिया है। लेकिन फसल की सिंचाई कैसे होगी।
क्यों फसल सिंचाई के लिये ना तो पर्याप्त मात्रा में बिजली मिल पाती है। और ना ही अभी तक विभागीय उदासीनता के चलते नहरों तक पानी पहुँच सका है।
जबकी दैनिकभास्कर अखबार में लगातार खबरें प्रकाशित होने के कुछ दिनों बाद ही लगभग तीन माह पूर्व नहरों की सिल्ट सफाई भी करा दी गई है।
लेकिन विभागीय जिम्मेदारों ने नहरों की सिल्ट सफाई तो करा दी। लेकिन आज तक नहरों में पानी छोड़ने को लेकर गम्भीरता नहीं दिखाई। नतीजतन आज जब गेहूँ की फसल बुवाई का पूरा समय निकल चुका है। उसके बावजूद भी क्षेत्र की सभी नहरें सूखी पड़ी हुई हैं। जिनसे पानी की जगह धूल उड़ रही है।
नहरें सूखी होने व समय से पर्याप्त बिजली ना मिलने के कारण क्षेत्रीय किसानों को गेहूँ की फसल सिंचाई की चिंता सता रही है।
क्षेत्रीय किसान राम भवन सिंह, बलबीर सिंह, मनोज यादव, सुखबीर, दलजीत, महेन्द्र, बरदानी सिंह, रमेश आदि ने अपना दर्द बयां करते हुए दैनिक भास्कर संवाददाता से कहा कि एक तो पहले ही किसान धान की फसल बर्बाद होने से कर्जे में आकंठ डूबा हुआ है।
क्यों कि उसके परिवार के जो सदस्य परदेश कमाते थे। वो भी कोरोना काल के चलते घर बैठे बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं। जिससे किसान के पास आय का कोई उपयुक्त तरीका नहीं बचा। यही गेहूँ की फसल ही उसकी कर्ज अदायगी की आखरी उम्मीद थी। वो भी नहरें सूखी होने की वजह से सिंचाई के अभाव में बर्बादी के कगार पर खड़ी है।
जबकी किसानों की माने तो उन्होंने तहसील स्तरीय ही नहीं वरन जिला स्तरीय जिम्मेदार अधिकारियों समेत क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से भी नहरों में पानी छोड़े जाने की गुहार लगा चुके हैं। किंतु किसी भी जिम्मेदार ने किसानों की इस गम्भीर समस्या की ओर विशेष ध्यान दे। उसका स्थायी हल ढूंढने के लिये कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया।
नतीजतन यथा स्थित आज भी बरकरार है।
                                                                    
                                                        
                                                                
                                                                
                                                                
                                                                
            
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