19 साल बाद कल पड़ेगा सबसे लंबा सूर्यग्रहण, जानिए सूतक से लेकर ग्रहण तक का समय

19 साल बाद कल पड़ेगा सबसे लंबा सूर्यग्रहण, जानिए सूतक से लेकर ग्रहण तक का समय

Prakash Prabhaw News

19 साल बाद कल पड़ेगा सबसे लंबा सूर्यग्रहण, जानिए सूतक से लेकर ग्रहण तक का समय


14 साल (2001) बाद रविवार यानी कल सूर्यग्रहण पड़ने जा रहा है। 21 जून का यह ग्रहण इस साल का सबसे लंबा होगा। दस मिनट तक दिन में अंधेरे जैसी स्थिति हो जाएगी। इसका सूतक शनिवार यानी आज रात में लग जाएगा। ग्रहण होने से चूड़ामणि योग बन रहा है।

इसमें चंद्रमा सूर्य का करीब 99 प्रतिशत भाग ढक लेगा। वलयाकार सूर्य ग्रहण में सूर्य कंगन की भांति दिखाई देगा। इसमें सूर्य का सबसे सबसे बाहरी हिस्सा दिखाई देगा जबकि बीच का हिस्सा चंद्रमा के द्वारा छिप जाएगा। सूर्य ग्रहण का समय

भारत में सूर्य ग्रहण का समयअलग-अलग जगहों पर अलग-अलग होगा। दिल्ली में सूर्य ग्रहण की शुरुआत सुबह 10 बजकर 20 मिनट के आस पास आरंभ हो जाएगा और दोपहर 1 बजकर 49 मिनट समाप्त हो जाएगा। सूर्य ग्रहण दोपहर 12 बजकर 2 मिनट के करीब चरम पर होगा। भारत में यह सूर्य ग्रहण दिखाई देने के कारण इसका सूतक मान्य रहेगा। सूर्य ग्रहण में सूतक काल 12 घंटे पहले ही लग जाता है। ऐसे में ग्रहण के एक दिन पहले यानी आज रात 9 बजकर 52 मिनट से सूतक लग जाएगा और ग्रहण की सामाप्ति पर यह खत्म होगा।

इन राशियों पर होगा असर यह ग्रहण मिथुन राशि और मृगशिरा नक्षत्र पर है। इसलिए मिथुन राशि के जातक  को खास ध्यान रखना होगा। इस राशि के जातक ग्रहण न देखें और गणपति की पूजा करें। महामृत्युंजय मंत्र का भी जाप करें तो अच्छा रहेगा। कर्क, वृश्चिक, मीन के जातक भी ग्रहण देखने से बचें। यह ग्रहण दुर्लभ की श्रेणी में है। ऐसा बहुत कम होता है जब रवि (सूर्य) को रविवार को ही ग्रहण लगे।क्या होता है वलयाकार सूर्य ग्रहण सूर्य ग्रहण तीन तरह का होता है। पूर्ण, वलयाकार और आंशिक सूर्य ग्रहण। जब चंद्रमा पूरी तरह से सूरज को ढ़क लेता है तब पृथ्वी पर अंधेरा छा जाता है।इस स्थिति में ग्रहण को पूर्ण सूर्य ग्रहण कहा जाता है। आंशिक सूर्य ग्रहण- जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह नहीं ढ़क पाता तो इसे खंडग्रास या आंशिक सूर्य ग्रहण कहा जाता है वलयाकार सूर्य ग्रहण- वलयाकार सूर्य ग्रहण में चंद्रमा सूर्य का करीब 99 प्रतिशत भाग ढक लेता है और सूर्य का कुछ बाहरी हिस्सा ही दिखाई देता है। इसमें सूर्य का बाहरी हिस्सा गोलाई में एक चमकदार कंगन की तरह दिखाई देता है और बीच के हिस्सा में छाया रहती है। इसे ही वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते हैं।

सूर्य ग्रहण पर न करें इन कामों को

शास्त्रों में ग्रहण के समय को अशुभ माना गया है ऐसे में ग्रहण के दौरान किसी भी प्रकार का शुभ कार्य नहीं किया जाता। ग्रहण के दौरान मंदिरों के पट बंद कर दिए जाते हैं। ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। ग्रहण में शरीर पर तेल की मालिश नहीं करनी चाहिए। ग्रहण के दौरान और सूतक काल के शुरू होने पर खाने की चीजों में तुलसी के पत्ते डालना चाहिए।ग्रहण के बाद क्या करें ग्रहण के खत्म होने के बाद नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान करना चाहिए। फिर पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करके भगवान का स्नान करा कर पूजा-पाठ करना चाहिए।

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