पत्रकार को न्याय नहीं मिला तो मुख्यमंत्री कार्यालय का करेंगे घेराव
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- खबरें हटके
- Updated: 7 December, 2021 20:22
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प्रकाश प्रभाव
लखनऊ।
पत्रकारों पर लिखे जा रहा है झूठे मुकदमे वापस लेने की मांग की सत्यमेव जयते फाउंडेशन ने
योगी सरकार पत्रकारों की सुरक्षा की चाहे जितने दावे कर ले लेकिन दावे सब उस वक्त खोखले हो जाते हैं जब पत्रकारों के अधिकारों का हनन हो जाता है वैसे तो सरकार दावों में या कहती है कि चौथा स्तंभ सुरक्षित है और चौथे स्तंभ कर कोई आंच नहीं आनी चाहिए यदि चौथे स्तंभ को कोई दबाने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ कार्यवाही होगी लेकिन यहां तो मामला कुछ और ही है लखनऊ में जहां सत्यमेव जयते फाउंडेशन गुड वर्क करने वाले पुलिसकर्मियों को सम्मानित करने का कार्य करती है तो वही आज संस्था द्वारा पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोलने का काम किया गया हम बात कर रहे हैं राजधानी लखनऊ के कमिश्नरेट पुलिस के थाना चिनहट की जहां एक पत्रकार को अवैध गैस रिफलिंग की कालाबाजारी करने वाले की काली करतूत को उजागर करना पड़ गया भारी आपूर्ति विभाग की टीम आई और पुलिस विभाग की टीम आई अधिकारियों ने अपनी जांच भी की जिसमें रिफिलर कप सेठिया गैस सर्विस के बाउचर भी बरामद हुआ और जांच होने के बाद पुलिस और आपूर्ति विभाग की टीम वह कवरेज करने गाय पत्रकार वहां से निकल गए और पुलिस ने एजेंसी के मैनेजर को हिरासत में लेकर छोड़ दिया उसके बाद मामला और दिलचस्प हो गया 25 नवंबर की इस घटना के बाद 3 दिसंबर को कपसेठिया गैस सर्विस के मालिक सौरभ सिंह द्वारा पत्रकार पर झूठा मुकदमा लिखवा दिया गया जिसमें एजेंसी मालिक ने ₹10000 की लूट दिखाई है अब सबसे बड़ा सवाल यह है यदि इस पत्रकार ने लूट की है तो साथ में पुलिस भी थी और अगर लूट की थी तो तत्काल पुलिस ने गिरफ्तार क्यों नहीं किया कहीं ना कहीं बड़ी साठगांठ के चलते हैं पत्रकार पर झूठा मुकदमा लिखाया जा रहा है और चौथे स्तंभ के अधिकारों का कत्ल भी किया जा रहा है चिनहट थाना प्रभारी घनश्याम मणी त्रिपाठी से जब अन्य पत्रकारों में जानकारी लेनी चाहिए तो थाना प्रभारी टालमटोल करने लगे और फोन कट कर दिया तो वहीं सत्यमेव जयते फाउंडेशन ने हुंकार भर दी है और सैकड़ों पत्रकारों के साथ आज सत्यमेव जयते फाउंडेशन कदम से कदम मिला कर खड़ा रहा और लखनऊ कमिश्नर द्वारा न्याय दिलाने का आश्वासन भी दिया गया संस्था द्वारा मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा गया यदि पत्रकार पर मुकदमा लिखा जाता है तो उसके निष्पक्ष जांच हो अन्यथा झूठा मुकदमा हुआ और पत्रकार को न्याय नहीं मिला तो मुख्यमंत्री कार्यालय का घेराव करेंगे।
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