04.64 करोड़ रुपए की विकास योजना से निखरेगा लखनऊ का प्राचीन रविदास मंदिर

04.64 करोड़ रुपए की विकास योजना से निखरेगा लखनऊ का प्राचीन रविदास मंदिर

PPN NEWS

वर्ष 1924 में स्थापित मंदिर आस्था का प्रमुख केंद्र, तीन प्राचीन समाधियां जोड़ती हैं मंदिर को समृद्ध इतिहास से


उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग राजधानी लखनऊ में धार्मिक पर्यटन को नई दिशा देने के उद्देश्य से धार्मिक स्थलों के समग्र विकास पर तेजी से कार्य कर रहा है। इसी कड़ी में अलीगंज स्थित प्राचीन रविदास मंदिर का समेकित पर्यटन विकास 4.64 करोड़ रुपए की स्वीकृत योजना के तहत शुरू हो गया है। सौंदर्यीकरण से लेकर आधुनिक पर्यटक सुविधाओं के विस्तार तक पूरे परिसर को नया रूप देने की तैयारी है। यह जानकारी उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।


मंत्री ने बताया कि 'रविदास मंदिर के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था, बढ़ती भीड़ और स्थानीय महत्व को ध्यान में रखकर विकास कार्य किए जा रहे हैं। इनमें सड़क मरम्मत, पेयजल व्यवस्था, बेहतर प्रकाश व्यवस्था, श्रद्धालुओं के बैठने के लिए बेंच तथा मंदिर परिसर के जर्जर हिस्सों का पुनरुद्धार जैसे कार्य शामिल हैं। हमारा प्रयास है कि विकास कार्यों के माध्यम से भक्तों के लिए सुगम, सुरक्षित और बेहतर अनुभव सुनिश्चित किया जा सके।' 


101 वर्ष पुरानी आस्था का केंद्र

अलीगंज स्थित रविदास मंदिर राजधानी के प्राचीन धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है। मंदिर के मुख्य द्वार पर अंकित स्थापना वर्ष 1924 इस बात का प्रमाण है कि यह मंदिर 101 वर्ष पुराना है। यह स्थल दशकों से स्थानीय समुदाय के धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक जीवन का केंद्र रहा है। मंदिर परिसर में तीन प्राचीन समाधियां भी स्थित हैं, जिनमें से एक को मंदिर के निर्माण से पूर्व का माना जाता है। बाकी दो समाधियां बाबा लीलादास और बाबा टिकाईदास से संबंधित हैं, जिन्होंने लंबे समय तक मंदिर में सेवाएं दीं। 


मंदिर से पीढ़ियों का जुड़ाव

रविदास मंदिर के प्रति स्थानीय समुदाय का भावनात्मक जुड़ाव बेहद गहरा रहा है। मंदिर के बाहर वर्षों से जूतों की मरम्मत का काम करने वाले नौमी लाल बताते हैं कि उनके पिता भी इसी स्थान पर काम किया करते थे। वहीं, मिष्ठान विक्रेता भोलानाथ का कहना है कि उनके बाबा 1931 से मंदिर के बाहर दुकान लगाते थे। तभी से यह पूरा क्षेत्र धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों का महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। संत रविदास जयंती पर यहां हर वर्ष बड़े पैमाने पर विशेष आयोजन होता है, जिसमें स्थानीय लोग हिस्सा लेते हैं। मंदिर परिसर को सजाने-संवारने में अपना योगदान देते हैं। स्थानीय व्यापारियों का मानना है कि मंदिर के सौंदर्यीकरण के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में निश्चित रूप से वृद्धि की उम्मीद है। 


पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि, 'लखनऊ के अलीगंज स्थित प्राचीन रविदास मंदिर का समेकित पर्यटन विकास हमारी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। 4.64 करोड़ रूपए की स्वीकृत परियोजना के अंतर्गत मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण, अवसंरचनात्मक सुधार और आधुनिक सुविधाओं के विस्तार का कार्य तेजी से प्रारम्भ हो चुका है। हमारा उद्देश्य श्रद्धालुओं को एक बेहतर, सुरक्षित और सुव्यवस्थित वातावरण उपलब्ध कराना है। इस मंदिर से स्थानीय समुदाय पीढ़ियों से भावनात्मक रूप से जुड़े हैं। इसके विकास से न केवल भक्तों की सुविधा बढ़ेगी, बल्कि क्षेत्र में रोजगार-व्यापार के नए अवसर भी सृजित होंगे।'

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