पुलिस की सरप्राइस फेयरवेल पार्टी ने इंदु मोहिनी के 35 साल की नौकरी के बाद रिटायरमेंट के दिन को यादगार बना दिया

पुलिस की सरप्राइस फेयरवेल पार्टी ने इंदु मोहिनी के 35 साल की नौकरी के बाद रिटायरमेंट के दिन को यादगार बना दिया

Prakash prabhaw news

रिपोर्टर-विक्रम

पुलिस की सरप्राइस फेयरवेल पार्टी ने इंदु मोहिनी के 35 साल की नौकरी के बाद रिटायरमेंट के दिन को यादगार बना दिया


नॉर्दन रेलवे में एकाउंट असिस्टेंट के पद से रिटायर हुई, इंदु मोहिनी ने कभी सोचा भी नहीं था, कि उनकी रिटायरमेंट के बाद नोएडा पुलिस की तरफ इस प्रकार की सरप्राइस फेयरवेल पार्टी उनको मिलेगी जो उनकी ज़िंदगी की यादगार बन जाएगी। दरअसल कोविड़ 19 वाइरस के कारण लॉकडाउन होने की वजह से, वे अपने सर्विस के आखिरी दिन दफ्तर नहीं जा सकी थी, ना ही उनके सहयोगी उनसे मिल पाए थे।  इस बात को लेकर उसके सहयोगी और स्वयं मोहिनी थोड़ी निराश अवश्य थी। यह बात जब नोएडा पुलिस को पता चली तो उन्होंने सरप्राइस फेयरवेल पार्टी आयोजित कर उन्हें विस्मित कर दिया। इस सरप्राइस से इंदु मोहिनी इतनी भावुक हो गई कि उनके पास पुलिस को कहने के लिए कोई शब्द नहीं थे, उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि यू मेक माय डे।

समय रात के 10 बज रहे थे, तभी अचानक सेक्टर 62 के बीएसएनएल अपार्टमेंट पर एक-एक करके पुलिस की गाड़ियां पहुंचने लगी, लोगों के लगा की कोई घटना अवश्य हुई है।  पुलिस ने गार्ड गेट पर तैनात गार्ड को बुलाकर इंदु मोहिनी को गेट पर बुलाया,  तो वह परेशान हो गई लेकिन जब वह गेट में पहुंची और पुलिस अधिकारियों से बातचीत की तब उन्हें पता चला कि पुलिस ने उनके लिए एक सरप्राइज़ फेयरवेल का आयोजन किया है।  नोएडा जोन के एडिशनल डीसीपी रणविजय सिंह, एसीपी सेकंड रजनीश वर्मा ने पुलिस की ओर से उन्हें बुके देकर सम्मानित किया और उपहार भी दिया। नोएडा पुलिस ने उनके 35 साल की नौकरी के बाद रिटायरमेंट के दिन को यादगार बना दिया। 

इन्दु मोहिनी ने बताया कि उनके पति भी इसी माह में रिटायर हुए हैं और वे विदेश संचार विभाग में कार्यरत थे। एडिशनल डीसीपी रणविजय सिंह ने बताया की बड़ौदा हाउस नॉर्दर्न रेलवे कार्यालय से इंदु मोहिनी रिटायर हुई थी यह जानकारी उनके एक सहयोगी ने उनके साथ शेयर की थी और कहा था कि उनकी फेयरवेल पार्टी नहीं हो सकी है इससे उन लोगों के बीच एक निराशा थी।  इसके बाद पुलिस ने सरप्राइज़ फेयरवेल पार्टी देने का निश्चय किया, जिसने एक बार फिर लॉकडाउन पीरियड में पुलिस के मानवीय चेहरे को उजागर किया है और लोगों का विश्वास जीता है।

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