प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत होगा क्या
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- Updated: 8 September, 2021 23:14
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PPN NEWS
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत होगा क्या
ब्यूरो उदयवीर सिंह शाहजहांपुर
शाहजहांपुर । उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा संचालित प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री सूक्ष्म उद्योग उन्नयन योजना एवं निजी शीतगृहों में भण्डारित आलू की निकासी का प्रतिशत कम होने के कारण शीतगृह स्वामियों, सचिव मण्डी समितियॉ, आलू के थोक व फुटकर व्यापारियों के साथ बैठक नवीन कलेक्ट्रेट सभागार मे जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह की अध्यक्षता में आहूत की गयी।
बैठक में जिलाधिकारी की सहमति से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की बैठक में उपस्थित सदस्यों से विचार-विमर्श एवं योजना के क्रियान्वयन की स्थिति की जानकारी चाही गई, जिसमें जिला उद्यान अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि निदेशालय द्वारा प्राप्त भौतिक लक्ष्य 1577 हे0 के सापेक्ष 644.82 हे0 की प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जा चुकी है, जिसमें से स्थापित 223 हे0 ड्रिप एवं 27 हे0 मिनी स्प्रिंकलर का स्थलीय सत्यापन का कार्य भी पूर्ण कराया जा चुका है।
जिलाधिकारी द्वारा अनुदान के बारे में पूछे जाने पर जिला उद्यान अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि सिंचाई संयंत्र स्थापना पर कुल लागत का लघु/सीमान्त कृषकों को 90 प्रतिशत व सामान्य कृषकों (2 हे0 से अधिक) को 80 प्रतिशत का अनुदान अनुमन्य है।
जिलाधिकारी ने बताया है कि पी0एम0एफ0एम0ई0 योजनान्तर्गत पूर्व से स्थापित वह इकाई पात्र होंगी जिनमें 10 से कम कार्मिक कार्यरत है। इकाई का स्वामित्व आवेदक है तथा उसकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो एवं न्यूनतम कक्षा 8 उत्तीर्ण हो। एक परिवार का केवल एक व्यक्ति वित्तीय सहायता प्राप्त करने हेतु पात्र होगा। कहा है कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय भारत सरकार ने केन्द्र एवं राज्य सरकार की भागीदारी में मौजूदा सूक्ष्म खाद्य उद्यमों के उन्नयन के लिए वित्तीय, तकनीकी एवं कारोबार सहायता देने के लिए अखिल भारतीय आधार पर प्रदेशवार योजना प्रारम्भ की है। जिसके अन्तर्गत सूक्ष्म उद्योगों को विभिन्न सहायता यथा व्यक्तिगत खाद्य उद्यमों का उन्नयन जिसमें पूर्व से असंगठित क्षेत्र में संचालित सूक्ष्म खाद्य उद्यम तथा नवीन खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने हेतु ओ0डी0ओ0पी0 अवधारणा के आधार पर योजना लागत का 35 प्रतिशत क्रेेडिट लिंक अनुदान (अधिकतम रू0 10 लाख प्रति उद्यम) का लाभ दिया जा सकता है। योजनान्तर्गत एफ0पी0ओ0, स्वयं सहायता समूहों एवं को-ऑपरेटिव को सहायता प्रदान की जानी है।
जिसके अन्तर्गत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग क्षेत्र में कार्यरत स्वयं सहायता समूह के प्रत्येक सदस्य को प्रारम्भिक पूंजी (सीड कैपिटल) के रूप में वर्किंग कैपिटल तथा औजारों की खरीद के लिए अधिकतम रू 40000/- की ऋण सुविधा एस0 आर0 आई0 एम0 के माध्यम से उपलब्ध कराई जानी है। इस प्रकार योजनान्तर्गत पात्र लाभार्थियों को उनके द्वारा आवेदित उत्पाद हेतु पैकेजिंग/ब्राण्डिंग विकसित करने तथा बिक्री सहायता हेतु खाद्य सुरक्षा मानकों का पालन करने के लिए कुल वास्तविक व्यय का 50 प्रतिशत सहायता प्रदान की जायेगी।
योजनान्तर्गत स्वयं सहायता समूह संगठनों के द्वारा तैयार की गई डी0आर0पी0 और राज्य नोडल एजेंसी द्वारा दिये गये अनुमोदन के आधार पर दी जायेगी।
जिलाधिकारी ने जनपद के शीतगृहों में भण्डारित आलू की निकासी मात्र 19 प्रतिशत ही रहने के फलस्वरूप जिला उद्यान अधिकारी, मण्डी सचिवों, शीतगृह स्वामियों, प्रमुख आलू व्यापारियों की बैठक में आलू की कम निकासी पर विस्तार से चर्चा किया और निर्देश दिये कि जिन किसानों का आलू शीतगृहों में भण्डारित है उनसे त्वरित गति से सम्पर्क स्थापित कर शतप्रतिशत आलू निकासी सुनिश्चित की जायें। जिससे कृषकों का शीतगृहों में संरक्षित आलू की क्षति न होने पाये।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अधिकारी श्याम बहादुर सिंह, जिला उद्यान अधिकारी राघवेन्द्र, जिला कृषि अधिकारी सतीश पाठक, उपायुक्त उद्योग दुर्गेश कुमार आदि उपस्थित रहे।
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