पूर्व राज्यपाल और पूर्व कैबिनेट सचिव का ई-मेल आईडी हैक, परिचितों से रुपये मांग रहे हैं हैकर

पूर्व राज्यपाल और पूर्व कैबिनेट सचिव का ई-मेल आईडी हैक, परिचितों से रुपये मांग रहे हैं हैकर

प्रकाश प्रभाव न्यूज़ 

रिपोर्ट, विक्रम पाण्डे

पूर्व राज्यपाल और पूर्व कैबिनेट सचिव का ई-मेल आईडी हैक, परिचितों से रुपये मांग रहे हैं हैकर

साइबर हैकर्स ने झारखंड के पूर्व राज्यपाल और पूर्व कैबिनेट सचिव प्रभात कुमार का ई-मेल आईडी हैक कर लिया है। अब ये हैकर्स ई-मेल आईडी का पासवर्ड बदलकर पूर्व राज्यपाल के परिचितों से रुपये मांग रहे हैं। नोएडा सेक्टर-39 में रहने वाले प्रभात कुमार कोतवाली 39 में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने  अज्ञात साइबर हैकर्स के खिलाफ आईटी एक्ट सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है। पुलिस के साथ साइबर सेल की टीम भी मामले की जांच कर रही है।

एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया की कोतवाली 39 पुलिस को झारखंड के पूर्व गवर्नर प्रभात कुमार की तरफ से शिकायत मिली है। जिस में कहा गया है कि उनका हॉटमेल पर निजी ई-मेल आईडी है। साइबर अपराधियों ने उनकी ई-मेल आईडी हैक कर ली है। इसके बारे में उन्हें 22 फरवरी को पता चला। जब उन्होंने अपनी ई-मेल आईडी का पासवर्ड डाला तो वह उसे एक्सेस नहीं कर पाए। इसके बाद पीड़ित ने पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

पूर्व राज्यपाल ने आशंका जताई है कि साइबर अपराधी उनकी ई-मेल आईडी का राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। अपराधी लगातार पीड़ित के परिचितों को ई-मेल भी भेज रहे हैं। इसके चलते पीड़ित ने पुलिस से मांग की है कि जल्द से जल्द उनकी आईडी को ब्लॉक कराया जाए ताकि किसी अनहोनी से बचा जा सके। 

एडीसीपी ने बताया कि पूर्व राज्यपाल ने आशंका जताई है कि साइबर अपराधी उनकी ई-मेल आईडी का राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। अपराधी लगातार पीड़ित के परिचितों को ई-मेल भी भेज रहे हैं। इसके चलते पीड़ित ने पुलिस से मांग की है कि जल्द से जल्द उनकी आईडी को ब्लॉक कराया जाए ताकि किसी अनहोनी से बचा जा सके। पुलिस की साइबर सेल ने मामले की जांच शुरू कर दी है। ई-मेल आईडी हैक करके ठगी करने और पैसे की मांगने के मामले नोएडा में पहले भी सामने आ चुके हैं। 

प्रभात कुमार मूलरूप से यूपी के प्रयागराज के रहने वाले हैं। वह 1963 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उत्तर प्रदेश में वर्ष 1998 से 2000 तक कैबिनेट सचिव रहे। इसके बाद नवंबर 2000 में जब झारखंड नया राज्य बना था तो वह प्रदेश के पहले राज्यपाल बने थे। वह 2 फरवरी 2002 तक झारखंड के राज्यपाल रहे थे।

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