ढाई लाख श्रमिकों को रोजगार देने के साथ, रियल सैक्टर में फिर से प्राण फूंकने के लिए रिलीफ़ देने प्रस्ताव नरेडको ने भेजा प्रदेश सरकार को

ढाई लाख श्रमिकों को रोजगार देने के साथ, रियल सैक्टर में फिर से प्राण फूंकने के लिए रिलीफ़ देने प्रस्ताव नरेडको ने भेजा प्रदेश सरकार को

Prakash prabhaw news

रिपोर्टर-विक्रम

ढाई लाख श्रमिकों को रोजगार देने के साथ, रियल सैक्टर में फिर से प्राण फूंकने के लिए रिलीफ़ देने प्रस्ताव नरेडको ने भेजा प्रदेश सरकार को

उत्तर प्रदेश में वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण  लॉक डाउन के कारण रियल स्टेट को गहरा धक्का लगा है और उसकी स्थिति दयनीय हो गई है। ऐसे में मजदूरों में दहशत का माहौल है और वे अपने अपने घरों की ओर लौट रहे हैं,  इसी तरह कुछ लोग दूसरे प्रदेशों से उत्तर प्रदेश में आ रहे हैं ऐसे में रीयल स्टेट कारोबार पटरी पर लाने के लिए रियल स्टेट डेवलपमेंट काउंसिल(नरेडको) को ओर से इसके अध्यक्ष  सुपरटेक के सीएमडी आरके अरोरा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रस्ताव भेजा है। जिससे ढाई लाख श्रमिकों को रोजगार देने के साथ, रियल सैक्टर में फिर से प्राण फूंकने के लिए रिलीफ़ देने की बात कही गई है।   

नरेडको को ओर से इसके अध्यक्ष सुपरटेक के सीएमडी आरके अरोरा ने जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रस्ताव भेजा है उसके बारे कहते है कि कोरोना महामारी के कारण मजदूरों में दहशत का माहौल है और वे अपने अपने घरों की ओर लौट रहे हैं। इसी तरह कुछ श्रमिक दूसरे प्रदेशों से उत्तर प्रदेश में आ रहे हैं, उनके लिए एक प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार को भेजा है इसमें हमने अनुरोध किया है कि जो मजदूर यूपी में वापस आ गए हैं, उनको पूर्ण कॉरोटाइन किया जाए। उनको सरकार कोरोना फ्री होने का सर्टिफिकेट देती है तो उनको हम रियल स्टेट में रख सकते हैं करीब ढाई लाख मजदूरों को अपने हम अपने प्रोजेक्ट के रखकर रोजगार दे सकते है। इस कदम से कई फायदे होंगे ढाई लाख लोगों को रोजगार और घर मिलेगा और आम बायर्स को भी उनका घर मिल सकेगा।  महत्वपूर्ण बात यह है कि यूपी में जो लोग आ रहे हैं उन्हें हम ट्रेनिंग देने का भी काम करेंगे। 

आरके अरोरा कहते है, हमने प्रस्ताव में यह भी अनुरोध किया है कि जो रियल स्टेट की समस्याएं हैं बहुत दिनों से पेंडिंग पर चल रही हैं।  करोना महामारी की वजह से भी हमने रिलीफ मांगा है जो चार्जेस लिए जा रहे हैं वह नहीं दिए जाएं, लैंड की किस्तों में भी थोड़ी राहत दी जाए। रियल सेक्टर में धन की लिक्विडिटी समाप्त हो गई है। सभी बिल्डरों का हाल है इस बारे में बिल्डरों और प्रदेश सरकार और केंद्र के बीच कई मीटिंग हो चुकी है जिसमें सर्वसम्मति से यह निष्कर्ष निकालकर में आया है, कि पर कोविड-19 के दबाव को कम करने के लिए सरकारी कदम उठाए जाने की आवश्यकता जिससे स्टेट कारोबार पटरी पर लाया जा सके। 

रीयल एस्टेट सेक्टर भारत के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 7% है इसके अतिरिक्त देश में रोजगार प्रदान करने में भी अग्रणी स्थान रखता है इस सेक्टर के सहयोग से लगभग 200 सूक्ष्म, लघु और मध्यम वर्ग के उद्योग संचालित होते हैं उद्योगों में भी रोजगार का सृजन होता है और प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि इसको 13 से 14 फरवरी तक वृद्धि कर आगे ले जाया जाए। कोविड-19 के दबाव को कम करने के लिए सरकारी कदम उठाए जाने की आवश्यकता जिससे स्टेट कारोबार पटरी पर लाया जा सके।

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