मदरसतुल-हरम में दस्तारबंदी समारोह, इस्लामी मदरसे मानवता और ज्ञान के प्रसार का केंद्र : मौलाना बिलाल

मदरसतुल-हरम में दस्तारबंदी समारोह, इस्लामी मदरसे मानवता और ज्ञान के प्रसार का केंद्र : मौलाना बिलाल

मदरसतुल-हरम में दस्तारबंदी समारोह, इस्लामी मदरसे मानवता और ज्ञान के प्रसार का केंद्र : मौलाना बिलाल

बच्चों की हुई दस्तारबंदी, ज्ञान का उद्देश्य इंसानियत की सेवा

मदरसे देते हैं शांति और भाईचारे का संदेश, पत्रकारों व पुलिसकर्मियों का सम्मान

काकोरी लखनऊ। काकोरी के राहमनखेड़ा हरदोई रोड स्थित मदरसतुल-हरम में सोमवार रात आठ बजे दस्तारबंदी समारोह और वार्षिक आम सभा आयोजित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता नदवतुल उलमा के नाज़िम एवं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव मौलाना सैयद बिलाल अब्दुल हई हसनी नदवी ने की।

​उन्होंने कहा कि इस्लामी मदरसे मानवता निर्माण के किले हैं, जहां शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ ज्ञान प्राप्ति नहीं बल्कि इंसानियत की सेवा है। मौलाना नदवी ने कहा कि ज्ञान तभी सार्थक है जब उससे जरूरतमंदों की मदद और समाज की भलाई हो। उन्होंने हाफ़िज़ बनने वाले बच्चों और उनके अभिभावकों को शुभकामनाएं भी दीं।

​कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ईदगाह ऐशबाग के इमाम मौलाना खालिद रशीद फ़रंगी महली ने कहा कि मदरसे हमेशा से शांति, सद्भाव और भाईचारे का संदेश देते आए हैं। उन्होंने मीडिया से अपील की कि वह मदरसों की सही तस्वीर समाज के सामने रखे।

​मदरसतुल-हरम के नाज़िम मौलाना नजीबुल हसन सिद्दीकी नदवी ने बताया कि मदरसे में हिफ़्ज़-ए-कुरान के साथ स्कूली शिक्षा भी उपलब्ध है और सात वर्षों में संस्था ने उल्लेखनीय प्रगति की है। कार्यक्रम में 18 हाफ़िज़ बच्चों की दस्तारबंदी की गई। छात्रों ने उर्दू, हिंदी, अरबी और अंग्रेजी में भाषण दिए तथा शैक्षिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए।

​सभा में दस पत्रकारों तथा क्षेत्रीय पुलिस प्रतिनिधियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत कारी मुहम्मद रियाज़ मज़ाहिरी की तिलावत से हुई और समापन मौलाना मुहम्मद यूसुफ़ कासमी की दुआ के साथ हुआ।

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